भारत का “फ़ूड बास्केट“ बन रहा मध्यप्रदेश | Food Basket of India - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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गुरुवार, 13 फ़रवरी 2025

भारत का “फ़ूड बास्केट“ बन रहा मध्यप्रदेश | Food Basket of India

 

भारत का फ़ूड बास्केटबन रहा मध्यप्रदेश

भारत का “फ़ूड बास्केट“ बन रहा मध्यप्रदेश | Food Basket of India


नवाचार और विकास की संभावनाओं के प्रमुख केंद्र के रूप में बनाई पहचान


मध्यप्रदेश की उपजाऊ भूमि केवल भरपूर फसल ही नहीं, बल्कि नवाचार, सतत विकास और वैश्विक निवेश के नए द्वार भी खोल रही है। सरकार के इस रूपांतरणकारी प्रयास में दुनिया भर के निवेशकों को शामिल होने का आमंत्रण दिया जा रहा है। प्रदेश ने अपनी समृद्ध कृषि परंपरा और उन्नत कृषि तकनीकों के बल पर खुद को देश की फ़ूड बास्केटके रूप में स्थापित किया है। राज्य को अब तक सात कृषि कर्मण पुरस्कार मिल चुके हैं, जो इसकी कृषि क्षेत्र में मजबूती को दर्शाते हैं।

मध्यप्रदेश में श्वेत क्रांतिका विस्तार

मध्यप्रदेश में श्वेत क्रांतितेजी से अपने पैर पसार रही है। राज्य में 2012 से 2023 के बीच दूध उत्पादन में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई है। इस विस्तार को डेयरी इन्वेस्टमेंट एक्सेलेरेटर जैसी योजनाओं से मजबूती मिली है, जो निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल तैयार कर डेयरी उद्योग के विकास को प्रोत्साहित कर रही है। मध्यप्रदेश दूध उत्पादन और उपलब्धता में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्थिति लगातार मजबूत कर रहा है। प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता (591 ग्राम प्रति दिन) में मध्यप्रदेश छठवें स्थान पर है। राष्ट्रीय सीएजीआर 6.18% की तुलना में मध्यप्रदेश की वृद्धि दर 8.60% है। देश के कुल दूध उत्पादन में मध्यप्रदेश का योगदान वर्ष 2023 में 8.73% था।

खाद्य और डेयरी प्रोसेसिंग में MSMEs को बढ़ावा

राज्य सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को खाद्य और डेयरी प्रोसेसिंग में आगे बढ़ाने के लिए कई प्रोत्साहन योजनाएं चला रही है, जिनमें औद्योगिक विकास सब्सिडी, पेटेंट और गुणवत्ता प्रमाणन के लिए वित्तीय सहायता और बिजली शुल्क में छूट शामिल है ।

पीएमएफएमई योजना से खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को लाभ

प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम (PMFME) योजना के तहत क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी से खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को आर्थिक सहायता मिल रही है, जिससे इस क्षेत्र में नए निवेश को बढ़ावा मिल रहा है।

बड़े निवेशकों के लिए आकर्षक सुविधाएं

राज्य सरकार 50 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने वाले बड़े उद्योगों को विशेष प्रोत्साहन दे रही है। इसमें निर्यात इकाइयों को लाभ, हरित औद्योगिकीकरण (ग्रीन इंडस्ट्रियलाइजेशन) को बढ़ावा और कोल्ड चेन और वेयरहाउस जैसे खाद्य प्रसंस्करण बुनियादी ढांचे में सहयोग प्रदान किया जा रहा है। मध्यप्रदेश सरकार के इन प्रयासों से राज्य का खाद्य और डेयरी उद्योग नई ऊंचाइयों को छू रहा है। यह न केवल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती दे रहा है, बल्कि पूरे देश के डेयरी और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान कर रहा है।

मध्यप्रदेश में निवेश की बयार: सीड टू शेल्फमें वैश्विक निवेशकों का स्वागत

मध्यप्रदेश खाद्य प्र-संस्करण और कृषि क्षेत्र में निवेश के लिए एक प्रमुख केंद्र बनकर उभर रहा है। राज्य अपने समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों, रणनीतिक नीतियों और सतत विकास के प्रति प्रतिबद्धता के कारण भारत की खाद्य टोकरीकी उपाधि का वास्तविक हकदार बना है। अब, यह ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 के जरिए वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए तैयार है।

खाद्य प्र-संस्करण में निवेश का हब बना मध्यप्रदेश

राज्य सरकार की निवेश नीति को उद्योग जगत के सकारात्मक रुझान से बल मिल रहा है। पेप्सी -को, कोका कोला और अमूल जैसी शीर्ष वैश्विक कंपनियां पहले ही राज्य में निवेश कर चुकी हैं, जिससे यह क्षेत्र निवेशकों के लिए और भी आकर्षक बन गया है।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025: “सीड टू शेल्फसत्र पर फोकस

25 फरवरी 2025 को इंवेस्ट मध्यप्रदेश - ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025’ के तहत सीड टू शेल्फथीम पर एक विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा। इस सत्र का उद्देश्य कृषि, खाद्य प्र-संस्करण और बागवानी क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देना होगा। इस सत्र में अधिकारी, उद्योग जगत के दिग्गज और निवेशक एक मंच पर आएंगे, जिससे नई साझेदारियों और व्यापारिक अवसरों का मार्ग प्रशस्त होगा। यह पहल मध्यप्रदेश को कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र का प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।