विश्व जनसंख्या : वितरण, घनत्व और वृद्धि |The World Population: Distribution, Density and Growth - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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शनिवार, 24 मई 2025

विश्व जनसंख्या : वितरण, घनत्व और वृद्धि |The World Population: Distribution, Density and Growth

विश्व जनसंख्या : वितरण, घनत्व और वृद्धि 
[The World Population: Distribution, Density and Growth]
विश्व जनसंख्या : वितरण, घनत्व और वृद्धि |The World Population: Distribution, Density and Growth
 


 विश्व जनसंख्या Fact in Hindi

  • किसी देश के निवासी ही उसके वास्तविक संसाधन होते हैं। 
  • भौगोलिक अध्ययन में मानव का स्थान केन्द्रीय है। 
  • मानव ही वास्तविक संसाधन है जो देश के अन्य संसाधनों का उपयोग करता है और संसाधनों का अपनी सुविधानुसार परिवर्तन करता है। 
  • 21वीं शताब्दी के प्रारम्भ में विश्व की जनसंख्या 600 करोड़ से अधिक थी। 
  • जनसंख्या के वितरण और घनत्व के प्रारूप किसी भी क्षेत्र या देश की जनांकिकीय विशेषताओं को समझने में मदद करते हैं। 
  • जनसंख्या वितरण का अर्थ है कि लोग भू-पृष्ठ पर कहाँ रहते हैं। 
  • विश्व जनसंख्या का वितरण बहुत अधिक असमान है। विश्व में अपेक्षाकृत कम भू-भाग ही ऐसे हैं, जहाँ आबादी का वितरण सघन है। 
  • विश्व की जनसंख्या का 90 प्रतिशत, इसके 10 प्रतिशत भू-भाग पर निवास करता है। 
  • विश्व के दस सर्वाधिक आबाद देशों में विश्व की लगभग 60 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है। 
  • चीन, भारत, संयुक्त राज्य अमरीका, इंडोनेशिया, ब्राजील क्रमशः विश्व की सर्वाधिक जनसंख्या वाले देश है। 
  • जनसंख्या घनत्व किसी क्षेत्र में लोगों के वितरण की संख्या का एक तुलनात्मक माप प्रदान करता है जिसे सामान्यतः प्रति वर्ग किलोमीटर के रूप में व्यक्त किया जाता है। 
  • विश्व में जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले तीन प्रमुख कारक हैं- 
  • (1) भौगोलिक, 
  • (ii) आर्थिक तथा  
  • iii) सामाजिक एवं सांस्कृतिक । 
  • जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले भौगोलिक कारकों में जल की उपलब्धता, भू-आकृति, जलवायु तथा मृदाएँ सम्मिलित हैं। 
  • जल की उपलब्धता के कारण ही नदी-घाटियाँ विश्व के सबसे सघन बसे हुए क्षेत्र में सम्मिलित हैं।
  •  विश्व जनसंख्या : वितरण, घनत्व और वृद्धि - समतल मैदान होने के कारण गंगा का मैदान विश्व के सर्वाधिक सघन जनसंख्या वाले क्षेत्रों में से एक है। 
  • उपजाऊ दोमट मिट्टी वाले क्षेत्रों में अधिक जनसंख्या निवास करती है। 
  • खनिज, नगरीकरण तथा औद्योगीकरण जनसंख्या को प्रभावित करने वाले प्रमुख आर्थिक कारक हैं। 
  • नगरीय क्षेत्र लोगों को रोजगार के अच्छे अवसर, शैक्षणिक व चिकित्सा सम्बन्धी सुविधाएँ तथा परिवहन और संचार के बेहतर साधन प्रस्तुत करते हैं जिसके कारण से यहाँ जनसंख्या अधिक होती है। 
  • औद्योगीकरण के कारण ही जापान का कोबे ओसाका प्रदेश सघन बसा हुआ है। 
  • धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व वाले स्थानों पर जनसंख्या का अधिक जमाव मिलता है। 
  • जनसंख्या वृद्धि का अर्थ किसी क्षेत्र में समय की किसी निश्चित अवधि के दौरान बसे हुए लोगों की संख्या में परिवर्तन से है। 
  • जनसंख्या वृद्धि में परिवर्तन धनात्मक अथवा ऋणात्मक में से कुछ भी हो सकता है। 
  • जन्म दर और मृत्यु दर के अन्तर से होने वाली जनसंख्या में परिवर्तन को प्राकृतिक वृद्धि कहते हैं। 
  • जन्म, मृत्यु और प्रवास, जनसंख्या परिवर्तन के तीन घटक हैं। 
  • जब मानव समूह अथवा व्यक्ति एक निवास क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में निवास करने जाते हैं तो वह प्रवास कहलाता है। 
  • प्रवास को प्रभावित करने वाले कारकों के दो वर्ग हैं- (i) प्रतिकर्ष कारक तथा (ii) अपकर्ष कारक 
  • प्रतिवर्ष विश्व जनसंख्या में लगभग 8 करोड़ व्यक्तियों की वृद्धि हो जाती है। 
  • केवल 20वीं शताब्दी में जनसंख्या 4 गुना बढ़ी है। 
  • जनांकिकीय संक्रमण सिद्धान्त तीन अवस्थाओं वाला मॉडल है जो किसी क्षेत्र में जनसंख्या परिवर्तन का वर्णन करता है। 
  • जनांकिकीय संक्रमण सिद्धान्त के अनुसार जन्म और मृत्यु दर के बीच सम्बन्ध आर्थिक विकास के साथ बदलता है और एक देश को जनसंख्या वृद्धि की विभिन्न अवस्थाओं से गुजरना पड़ता है। 
  • परिवार नियोजन के द्वारा जनसंख्या को नियंत्रित किया जा सकता है।