कभी-कभी कुछ लम्हे इतने भारी लगते हैं कि शब्द भी कम पड़ जाते हैं। - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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गुरुवार, 31 जुलाई 2025

कभी-कभी कुछ लम्हे इतने भारी लगते हैं कि शब्द भी कम पड़ जाते हैं।

 सभी को सादर नमस्कार।


मंच पर आसीन माननीय प्राचार्य महोदय, आदरणीय अतिथिगण, सम्मानित अभिभावकगण, सहयोगी शिक्षकों एवं मेरे प्यारे विद्यार्थियों —


कभी-कभी कुछ लम्हे इतने भारी लगते हैं कि शब्द भी कम पड़ जाते हैं।

आज का दिन भी वैसा ही है…

क्योंकि आज हम उन्हें विदा कर रहे हैं,

जिनसे बिछड़ने का मन ही नहीं करता।


हर साल यह क्षण आता है, जब हमें अपने विद्यार्थियों को जीवन की उड़ान के लिए विदा करना होता है। पर हर बार यह काम उतना ही कठिन हो जाता है, जितना पहले था — क्योंकि हम सिर्फ छात्रों को नहीं, अपने अपने दिल के टुकड़ों को अलविदा कह रहे होते हैं।

इस स्कूल की चारदीवारी में

हमारे बीच जो रिश्ता बना, वो सिर्फ शिक्षक और विद्यार्थी का नहीं रहा —

वो एक ऐसा बंधन बन गया जिसमें सपने, आशीर्वाद और विश्वास जुड़ गया।

हर परीक्षा में तुम्हारी मेहनत देखी,

हर सफलता में तुम्हारा उत्साह महसूस किया,

और हर परेशानी में तुम्हारे साथ खड़े रहने की कोशिश की है।


हमारे साथ बिताए गए इन वर्षों में हमने केवल पढ़ाया नहीं — हमने साथ हँसे, सीखा, डाँटा, समझाया और सबसे ज़्यादा — एक रिश्ता बनाया। एक ऐसा रिश्ता, जो समय के साथ और भी मजबूत होता चला गया।


प्रिय छात्रों,

विदाई का अर्थ जुदाई नहीं होता।

यह तो उस विश्वास का प्रतीक है, जो एक शिक्षक अपने शिष्य के भविष्य पर करता है।

हमने तुम्हें केवल किताबी ज्ञान नहीं दिया — हमने तुम्हें जीवन जीने का नजरिया सिखाया है।

हर गिरावट के बाद उठना सिखाया है।

हार में भी मुस्कराना सिखाया है।

और सबसे जरूरी — खुद पर विश्वास रखना सिखाया है।


आज जब तुम इस विद्यालय की चौखट को पार कर आगे बढ़ोगे, तो तुम हमारे विद्यालय के नहीं — हमारे दिलों के प्रतिनिधि बनोगे।

तुम जहाँ भी रहो, वहां अपने संस्कार, अपनी मेहनत और अपनी पहचान से रोशनी फैलाना।


मैं तुम सबको दिल से आशीर्वाद देता हूँ —

कि तुम जीवन में सफल बनो, लेकिन उससे भी पहले — अच्छे इंसान बनो।

हर माता-पिता का गर्व बनो,

हर समाज का आदर्श बनो,

और अपने इस विद्यालय का सम्मान बनो।


आज तुम जा रहे हो,

पर याद रखना —

अगर कभी ज़िंदगी थमे,

कभी रास्ता धुंधला लगे,

तो अपने शिक्षक की याद कर लेना,

हम वहीं मिलेंगे — जहाँ तुमने उड़ना सीखा था।


आप सभी को उज्जवल भविष्य के लिए ढेरों शुभकामनाएं।

ईश्वर करे कि तुम्हारी उड़ान कभी न रुके।

तुम्हारे पंख कभी न थकें।


धन्यवाद।


**"हमने इन कुछ वर्षों में सिर्फ पढ़ाया ही नहीं —

बल्कि ज़िंदगी के कई अनमोल पल तुम्हारे साथ बिताए।

कभी हँसी-मज़ाक में दिल लगा,

तो कभी तुम्हारी शरारतों पर मुस्कराते हुए डाँटना भी पड़ा।

कभी तुम्हारी गलतियों पर नाराज़ हुए,

तो कभी तुम्हारी मेहनत देखकर आँखें भी नम हुईं — गर्व से।


हमने सिर्फ किताबों के पन्ने नहीं खोले —

हमने दिलों के दरवाज़े भी खोले।

हमने तुम्हें सिर्फ पढ़ाया नहीं —

बल्कि अच्छा इंसान बनना भी सिखाया,

संघर्ष से लड़ना सिखाया,

और हर परिस्थिति में मुस्कराना सिखाया।


इस स्कूल की चारदीवारी में

हमारे बीच जो रिश्ता बना, वो सिर्फ शिक्षक और विद्यार्थी का नहीं रहा —

वो एक ऐसा बंधन बन गया जिसमें सपने, आशीर्वाद और विश्वास जुड़ गया।

हर परीक्षा में तुम्हारी मेहनत देखी,

हर सफलता में तुम्हारा उत्साह महसूस किया,

और हर परेशानी में तुम्हारे साथ खड़े रहने की कोशिश की।


आज जब तुम यहाँ से आगे बढ़ रहे हो,

तो ऐसा लग रहा है जैसे कोई अपना जा रहा है।

जैसे कोई किताब का आख़िरी पन्ना पलट रहे हों,

लेकिन वो किताब हमेशा हमारे दिल की अलमारी में सबसे ऊपर रहेगी।

क्योंकि तुम सिर्फ हमारे विद्यार्थी नहीं थे —

तुम हमारे गर्व थे, हमारी उम्मीद थे, और हमारे दिल के सबसे करीब थे।"