आदरणीय अध्यक्ष महोदय आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सम्मानिय प्राचार्य महोदय, हमारे अतिथिगण,
हमारे बीच उपस्थित माननीय जनप्रतिनिधिगण।
ग्राम के सभी सम्माननीय नागरिकगण,
यहाँ उपस्थित सभी अभिभावकगण,
सभी मेरे मार्गदर्शक शिक्षकगण एवं शिक्षिकाएँ,
और मेरे प्रिय विद्यार्थियों ।
सर्वप्रथम मैं आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ देता हूँ।
आज का दिन हमारे लिए बेहद गर्व और उत्साह का दिन है।
हम सब मिलकर आजादी के इस उत्सव को मनाकर अपने देश के प्रति प्यार और सम्मान को व्यक्त कर रहे हैं।
मैं आप सभी का धन्यवाद करता हूँ कि आपने इस पावन अवसर पर यहाँ उपस्थित होकर अपनी देशभक्ति का संदेश दिया।
"15 अगस्त वह महान दिन है जब हमारा प्यारा भारत अंग्रेज़ों की गुलामी से आज़ाद हुआ।
लेकिन यह आज़ादी हमें आसानी से नहीं मिली।
बल्कि लाखों वीर सपूतों के अदम्य साहस, त्याग, कठिन परिश्रम और सर्वोच्च बलिदान के कारण हासिल हुई।
आज भी हमारे सैनिक और जवान सीमा पर तैनात हैं, कठिन और विपरीत परिस्थितियों में , थकान और खतरे के बीच हमारे देश और हमारी सुरक्षा के लिए हर पल चौकस रहते हैं।
उनके साहस, निष्ठा और बलिदान के कारण ही हम स्वतंत्र और सुरक्षित भारत में सांस ले पा रहे हैं । और आज ये आजादी का उत्सव मना पा रहे हैं।
हमारा कर्तव्य है कि हम उनके बलिदान और त्याग को कभी न भूलें और हर दिन अपने देश के लिए कुछ अच्छा करें।"
लेकिन साथियों, एक प्रश्न हमारे सामने है—क्या आज देशभक्ति का मतलब सिर्फ सीमा पर युद्ध लड़ना है?
नहीं!
एक नागरिक होने के नाते हमारे वर्तमान समय में देशभक्ति का मतलब है अपने देश के प्रति जिम्मेदार होना, अपने कर्तव्यों का पालन करना और अपने कर्मों से देश को आगे बढ़ाना।
आज हमें देशभक्ति की नई परिभाषा को अपनाना होगा—
जब हम गरीब बच्चों को पढ़ने का अवसर देते हैं, वह भी देशभक्ति है।
जब हम अपने सैनिकों और जवानों का सम्मान करते है तो वह भी देशभक्ति है
जब हमअपनी संस्कृति, परंपरा और राष्ट्रीय प्रतीकों का आदर करते है तो वह भी देशभक्ति है
अपने काम और जिम्मेदारियों को पूर्ण समर्पण और ईमानदारी से पालन करते है तो वह भी देशभक्ति है
देशभक्ति तब भी है जब हम अपने रोज़मर्रा के काम ईमानदारी से करें।
हम सब मिलकर अपने गाँव और शहर को सुंदर और साफ रखें तो यह भी देशभक्ति है
हम लाइन में धक्का-मुक्की न करें और अनुशासन बनाए रखें। यह भी देशभक्ति है
ये छोटे-छोटे काम भले दिखने में साधारण हों, लेकिन यही मिलकर देश की छवि को महान और मजबूत करते हैं।
और साथियों, आज के डिजिटल युग में एक नई जिम्मेदारी भी है —
ऐसे सोशल मीडिया अकाउंट्स और न्यूज़ चैनलों का बहिष्कार करना जो फेक न्यूज फैलाते है, हमारे देश की बुराई करते हैं और विदेशों का गुणगान कर भारत को नीचा दिखाते हैं और देश की छवि को धूमिल करते है।
सबसे जरूरी बात —
हमें उस हर ताकत का विरोध करेंगे जो भारत को बदनाम करने की कोशिश कर रही है।
हम अपने देश की आलोचना करने वालों को नहीं, बल्कि अपने देश को सुधारने वालों को बढ़ावा दें।
भाइयों और बहनों, आइए आज हम संकल्प लें —
अपने गाँव और समाज को साफ, शिक्षित और नशामुक्त बनाएँ।
अपने बच्चों को सच्चे भारतीय नागरिक बनाएँ।
और अपनी संस्कृति और तिरंगे का सम्मान करें।
और अपने प्यारे देश भारत पर गर्व करें
आओ, सब मिलकर जोर से कहें —
🇮🇳 भारत माता की जय!
🇮🇳 वंदे मातरम्!