बाढ़ प्रभावितों को ठहराया गया शिविरों में, जिले में कोई जनहानी नहीं
सिवनी जिले के भीमगढ़ बांध से वैनगंगा नदी में छोड़े गये पानी एवं जिले में दो दिनों में हुई अति वर्षा के कारण बालाघाट जिले के ग्रामों में बाढ़ की स्थिति निर्मित हो गई थी। वर्षा के रूकने एवं भीमगढ़ बांध से 30 अगस्त को पानी की कम मात्रा छोड़े जाने से वैनगंगा नदी में बाढ़ का पानी कम होने लगा है। बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत शिविरों में ठहराया गया है और उनके लिए भोजन पानी का इंतजाम किया गया है। जिला प्रशासन की सावधानी, सतर्कता एवं सूचनाओं के त्वरित प्रेषण से बाढ़ के कारण बालाघाट जिले में कोई जन हानि नहीं हुई है। वर्ष 1994 के बाद वर्ष 2020 में बालाघाट जिले में ऐसी बाढ़ आयी है। वर्ष 1994 में गांवों में कच्चे मकान अधिक होने के कारण नुकसान बहुत अधिक हुआ था। लेकिन अब गांवों में पक्के मकान बन गये है, इस कारण बाढ़ के कारण नुकसान कम हुआ है।
वैनगंगा नदी में आयी बाढ़ के कारण खैरलांजी तहसील के ग्राम कुम्हली में तीन लोग पानी में फंस गये थे।जिला प्रशासन की पहल पर भारतीय वायु सेना के हेलिकाप्टर से 30 अगस्त को उन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया है। वारासिवनी एसडीएम श्री संदीप सिंह ने बताया कि वैनगंगा नदी के किनारे बसे ग्राम टेमनी, फुटारा भौरगढ़, खैरी, सावरी, घोटी, सतोना के बाढ़ से प्रभावित लगभग 150 लोगों को स्कूल या ग्राम पंचायत भवन में ठहराया गया है और इन लोगों के लिए भोजन पानी की व्यवस्था की गई है। खैरी का एक टोला वैनगंगा नदी की बाढ़ में टापू बन गया है वहां फंसे लोगों के लिए बोट से भोजन पानी पहुंचाया जा रहा है।
लांजी एसडीएम श्री रविंद्र परमार ने बताया कि लांजी तहसील की के ग्राम बहेला, डोंगरगांव टेमनी, कोचेवाही और उमरी के बाढ़ प्रभावित लगभग 130 लोगों को स्कूल एवं ग्राम पंचायत भवन में ठहराया गया है और उनके भोजन पानी की व्यवस्था की गई है। लांजी क्षेत्र के ग्रामों से बाढ़ का पानी कम होने लगा है.सर्रा नदी पर बना पुल टूट जाने से नाहरवानी सहित तीन ग्रामों का संपर्क टूट गया है।
बाढ़ से प्रभावित बालाघाट तहसील के 21 ग्रामों के 790 लोगों को 04 राहत शिविरों में ठहराया गया है। बाढ़ के कारण हुए नुकसान का आकलन करने के लिए सर्वे का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। कुछ स्थानों पर बाढ़ का पानी कम होने पर सर्वे किया जायेगा। लांजी तहसील में बाढ़ के कारण 231 मकानों को आंशिक एवं 48 मकानों को पूर्ण रूप से क्षति पहुंची है। किरनापुर तहसील में 448 मकानों को आंशिक एवं 42 मकानों को पूर्ण रूप से, बैहर तहसील में 35 मकानों को आंशिक एवं 07 मकानों को पूर्ण रूप से, बिरसा तहसील में 25 मकानों को आंशिक एवं 05 मकानों को पूर्ण रूप से, परसवाड़ा तहसील में 18 मकानों को आंशिक एवं 02 मकानों को पूर्ण रूप से, बालाघाट तहसील में 290 मकानों को आंशिक एवं 85 मकानों को पूर्ण रूप से क्षति पहुंची है।
बाढ़ के कारण किरनापुर तहसील में 350 हेकटेयर क्षेत्र में बैहर में 1.22 हेक्टेयर क्षेत्र में एवं बिरसा तहसील में 2.020 हेकटेयर क्षेत्र में धान की फसल प्रभावित हुई है। शेष बालाघाट एवं खैरलांजी तहसील में बाढ़ का पानी कम होने पर फसल क्षति का सर्वे किया जायेगा