टीकमगढ़, 24 अगस्त 2020
कृषि विज्ञान
केंद्र टीकमगढ़ के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, डॉ. बी.एस. किरार, डॉ.
एस.के. खरे, डॉ. यू.एस. धाकड़, डॉ. एस.के. सिंह, डॉ. आर.के. प्रजापति एवं डॉ. आई.डी. सिंह द्वारा पशुपालकों को उच्च
गुणवत्ता एवं पोषक तत्वों से भरपूर नेपियर हाइब्रिड बाजरा को लगाने की तकनीकी सलाह
दी जा रही है। नेपियर हाइब्रिड बाजरा बहूवर्षीय नियमित कटाई (मल्टी कटिंग) वाला
हरा चारा है। यह चारा सीमित सिंचाई, हल्की एवं बंजर भूमि में भी सफलतापूर्वक उगाया जा सकता है। यदि किसान
के पास भूमि की कमी है उस स्थिति वह मेड के किनारे सिंचाई नालियों के बगल में भी
लगाकर सालभर पशुओं को हरा चारा खिला सकता है क्योंकि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में
पशुओं के लिए सालभर हरा चारा पैदा नहीं हो रहा है, जिसका सीधा प्रभाव पशुओं के स्वास्थ्य एवं दुग्धोत्पादन पर पड़ रहा
है। अर्थात् पशुपालक दुधारू पशुओं के लिए बाजार में उपलब्ध पशु आहार (मिश्रण दाना, खली, चुन्नी) खरीदकर लाता है, जिससे किसान को पशुपालन व्यवसाय से लाभ प्रतिशत कम प्राप्त होता है।
इसी समस्या के समाधान हेतु कृषि विज्ञान केंद्र, टीकमगढ़ के वैज्ञानिक द्वारा भारतीय घास
एवं चारा अनुसंधान केंद्र,
झांसी से नेपियर
हाइब्रिड बाजरा की जड़ कटिंग (रूट स्लिप) लाकर केंद्र पर तैयार की गई है। यह समय
हरा चारा की कटिंग लगाने का सही समय चल रहा है। जो भी कृषक चाहे वह कृषि विज्ञान
केंद्र कुण्डेश्वर रोड, टीकमगढ़ से 75 पैसे प्रति रूट स्लिप प्राप्त कर सकते
हैं। केंद्र में डॉ. एस.के. खरे या डॉ. आई.डी. सिंह से संपर्क कर रूट स्लिप खरीद
सकते हैं।