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संकट में फंसी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए कोरोना महामारी ने मुश्किलें और बढ़ा दी है। जीडीपी ने निराशाजनक आंकड़े सामने आने के बाद तमाम अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने अपने अनुमानों में संशोधन करना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को रेटिंग एजेंसी मूडीज ने चालू वित्त वर्ष में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 11.5 प्रतिशत गिरावट की आशंका जाहिर की है। मूडीज ने कहा कि 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 11.5 प्रतिशत की गिरावट आएगी। बता दें कि इससे पहले रेटिंग एजेंसी ने भारतीय अर्थव्यवस्था में चार प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया था।
कोरोना की वजह से मुश्किलें और बढ़ी हैं
मूडीज ने शुक्रवार को कहा कि भारत का साख परिवेश निचली वृद्धि, ज्यादा कर्ज तथा कमजोर फाइनेंशियल सिस्टम से प्रभावित हो रहा है। कोरोना वायरस महामारी की वजह से ये जोखिम और बढ़े हैं। मूडीज ने कहा कि अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली में ज्यादा दबाव से देश की वित्तीय मजबूती में और गिरावट आ सकती है। इससे साख पर दबाव और बढ़ सकता है।
जानिए अन्य रेटिंग एजेंसियों ने क्या कहा है ?
- सबसे पहले ग्लोबल रेटिंग और रिसर्च एजेंसी गोल्डमैन सैश ने भारतीय अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट का अनुमान जताया। इस एजेंसी के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 के लिए इकॉनमी में 14.8 फीसदी की भारी गिरावट का अनुमान है।
- इसके बाद वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 10.5 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया है।
- घरेलू रेटिंग एजेंसियों क्रिसिल और इंडिया रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में क्रमश: 9 प्रतिशत और 11.8 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया है।
- इंडिया रेटिंग्स ने भी पहले भारतीय अर्थव्यवस्था के 5.3 फीसदी सिकुड़ने का अनुमान लगाया था लेकिन अब उसका मानना है कि हालात ज्यादा ख़राब हैं और भारत की अर्थव्यवस्था 11.8 फीसदी सिकुड़ सकती है।
- एसएचबीसी और मॉर्गन स्टैनले के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान 5 से 7.2 फीसदी के बीच हो सकता है।
जानिए रेटिंग एजेंसी मूडीज के बारे में..
मूडीज अमेरिका की एक कंपनी है। यह बिजनेस और आर्थिक मामलों से जुड़ी हुई कंपनी है। इसे साल 1909 में जॉन मूडी द्वारा स्थापित किया गया था। इस कंपनी को बनाने के पीछे जॉन मूडी का मकसद था स्टॉक मार्केट और बॉन्ड की रेटिंग बताना। मतलब ये बताना कि कौन सा स्टॉक एक्सचेंज कैसा परफॉर्म कर रहा है और कौन सा बॉन्ड खरीदने पर ज्यादा मुनाफा हो सकता है। इसके लिए जॉन मूडी स्टॉक मार्केट और बॉन्ड की रेटिंग किया करते थे। बाद में मूडीज के दो हिस्से हो गए इस में एक हिस्सा मूडीज इन्वेस्टर सर्विस बना जो कि रेटिंग बताती है।
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