खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान, ज्वार एवं बाजरा खरीदी के लिए किसान पंजीयन की प्रक्रिया 15 सितम्बर से प्रारंभ हो रही है। यह पंजीयन 15 अक्टूबर तक एमपी किसान एप, ई-उपार्जन पंजीयन एप एवं सबंधित समितियों के माध्यम से किया जा सकता है। जिला आपूर्ति अधिकारी द्वारा जानकारी दी गई कि जिले में कुल 83 किसान पंजीयन केन्द्र स्थापित किये गये है। जिले की पात्र समितियों को किसान पंजीयन केन्द्र का कार्य दिया गया है जिनके माध्यम से कृषक उनका पंजीयन करा सकते हैं।
शासन द्वारा पंजीयन के साधनों को विस्तारित किया गया है, जिसमे मोबाइल एप्लीकेशन (एमपी किसान एप, ई-उपार्जन पंजीयन एप) एवं वेब एप्लीकेशन (ई-उपार्जन पोर्टल) भी सम्मिलित है। इसके अतिरिक्त ई-उपार्जन किओस्क कॉमन सर्विस सेंटर/ लोक सेवा केन्द्र उपलब्ध हैं। एमपी किसान एप एवं ई-उपार्जन पंजीयन एप को ई-उपार्जन एन्ड्रायड बेस्ड मोबाइल पर गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। एप डाउनलोड होने के उपरांत किसान पंजीयन हेतु सर्वप्रथम ग्राम एवं खसरा का चयन करना होगा इससे भी पंजीयन किया जा सकेगा।
विगत खरीफ एवं रबी विपणन मौसम में जिन किसानों द्वारा समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न विक्रय करने हेतु ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन कराया गया था ऐसे किसानों को खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में पंजीयन हेतु दस्तावेज देने की आवश्यकता नहीं है। वनाधिकार पट्टाधारी/सिकमीदार किसानों को पंजीयन हेतु वनपट्टा एवं सिकमी अनुबंध की प्रति समिति संचालित पंजीयन केन्द्र पर उपलब्ध कराना होगी। जिन किसानों द्वारा विगत रबी एवं खरीफ में पंजीयन नहीं कराया गया था एवं ई-उपार्जन पोर्टल पर उनका डाटाबेस उलब्ध नहीं है ऐसे किसानों को समिति स्तर पर पंजीयन हेतु आधार नं., बैंक खाता नं., मोबाईल नं. की जानकारी पंजीयन केन्द्र पर उपलब्ध कराना होगा। पंजीयन के समय किसान को उपज विक्रय करने की संभावित 3 दिनांक दर्ज करानी होगी। किसानों को भुगतान सीधे बैंक खाते में किया जाना है। इस कारण पंजीयन में केवल राष्ट्रीयकृत एवं जिला केन्द्रीय बैंक की शाखाओं के एकल खाते ही मान्य होंगे। जन-धन, ऋण, नाबालिग, बंद एवं अस्थाई रूप से रोके गये खाते (विगत 6 माह से क्रियाशील नहीं हों) आदि पंजीयन में मान्य नहीं होगें।
दावा आपत्ति: किसान गिरदावरी में दर्ज भूमि एवं बोई गई फसल से संतुष्ट न होने पर संशोधन हेतु गिरदावरी दावा आपत्ति करनी होगी जिसके निराकरण एवं ई-उपार्जन पोर्टल पर जानकारी संशोधित होने पर पंजीयन किया जा सकेगा। किसान भाईयों से अनुरोध है कि उक्त साधनों का उपयोग करते हुए अधिक से अधिक संख्या में अपना स्व-पंजीयन करें।
18 क्षेत्रों कन्टेनमेंट समाप्त
स्वास्थ्य विभाग की सर्वे रिपोर्ट एवं विगत 14 दिवस में क्षेत्र में कोरोना वायरस का कोई भी सक्रमित व्यक्ति न पाये जाने के मद्देनएजर कलेक्टर डॉ. राहुल हरिदास फटिंग द्वारा पूर्व में कन्टेनमेंट घोषित किए गए क्षेत्रों के कंटेंमेंटन समाप्त करने के आदेश जारी किये है। जिसमें छपारा विकासखण्ड के ग्राम गोंरखपुर, ग्राम डुंगरिया, ग्राम तिन्सा, मटामा तथा सादक सिवनी, धनौरा के विकासखण्ड के ग्राम सुनवारा, तहसील बरघाट के ग्राम खूंट एवं ग्राम गोंडेगाँव, लखनादौन विकासखण्ड के ग्राम सेमरताल के साथ ही सिवनी विकासखण्ड के ग्राम डोरली छतरपुर के तीन कन्टेंमेंट समाप्त किए हैं। इसी तरह पृथ्वीराज चौहान वार्ड, बाहुबली चौक, स्टेट बैंक रोड, अकबर वार्ड, टैगोर वार्ड तथा महारानी लक्ष्मीबाई वार्ड सहित कुल 18 क्षेत्रों के कन्टेनमेंट समाप्त करने के आदेश जारी किये गये है।
सौर संयंत्र की स्थापना करने के इच्छुक कृषकों से ऑनलाईन सहमति आमंत्रित
जिला अक्षय ऊर्जा अधिकारी द्वारा जानकारी दी गई कि कृषकों के आर्थिक विकास के लिए प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान योजना (कुसुम) के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के चयनित विद्युत सब स्टेशनों के समीप स्थित भूमि पर सौर संयंत्र की स्थापना करने के इच्छुक कृषकों की सहमति लिए जाने हेतु ऑनलाईन पोर्टल कार्यशील हो गया है। (www.emsolarpump.mp.gov.in), (www.mprenewable.nic.in) पोर्टल के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि योजना का मुख्य उद्देश्य कृषकों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ सम्पन्न करना है योजना के तहत कृषक अपने खेत की उपजाऊ भूमि में सोलर संयंत्र की स्थापना स्वयं के द्वारा या किसी निवेशक के साथ संयुक्त रूप से कर सकेगा। जिससे कृषक को एक नियमित आय हो सकेगी। योजना के तहत 500 किलोवॉट से 2 मेगावॉट क्षमता तक के संयंत्रों की स्थापना की जाना प्रस्तावित है। इस योजना से विशेषकर कम भूमि वाले कृषकों की निर्भरता पूर्णरूप से कृषि पर नहीं रहेगी उनको सोलर संयंत्र से एकमुश्त नियमित आय होती रहेगी। पूरे प्रदेश में अभी कुल 910 सब-स्टेशनों पर योजना का प्रथम चरण प्रारंभ किया गया है।
इस योजना में कृषक/कृषकों के समूह/ सहकारी संस्थान/ पंचायत/ फॉरमर/ प्रड्युसर ऑर्गनाईजेशन/ वॉटर यूजर एसोसिएशन अथवा डेवलपर के माध्यम से भी योजना अंतर्गत पात्रता होगी। ऑनलाईन सहमति 15 अक्टूबर 20 तक दर्ज की जा सकती है। जैसे ही चिन्हांकित सब-स्टेशनों के आस-पास के कृषकों की सहमति प्राप्त होती है संयंत्र स्थापना हेतु अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।