‘इतनी शक्ति हमें देना दाता’ गीत के रचयिता अभिलाष का निधन
‘इतनी शक्ति हमें देना दाता’ के रचयिता गीतकार अभिलाष का कल देर रात
मुंबई के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 74 वर्ष के थे।
श्री अभिलाष के एक परिवारिक मित्र विजय प्रभाकर
नगरकर ने यहां बताया कि श्री अभिलाष ने मार्च में पेट के एक ट्यूमर का ऑपरेशन
कराया था। तभी से उनकी तबीयत ठीक नहीं चल रही थी। गोरेगांव पूर्व के शिव धाम में
उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनका वास्तविक नाम ओमप्रकाश कटारिया था। उनका जन्म
13 मार्च 1946 को दिल्ली में हुआ। उनके परिवार में एक पुत्र है।
उन्होंने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल
सिंह ने उन्हें कलाश्री पुरस्कार से सम्मानित किया था। सिने गीतकार अभिलाष का
विश्व प्रसिद्ध गीत 'इतनी शक्ति हमें देना दाता' देश के 600 विद्यालयों में प्रार्थना
गीत के रूप में गाया जाता है। विश्व की आठ भाषाओं में इस गीत का अनुवाद हो चुका है
और इसे प्रार्थना गीत के रूप में गाया जाता है। इस गीत को वर्ष 1985 में फ़िल्म
अंकुश के लिए संगीतबद्ध किया था। इस गीत को तकरीबन दो करोड माेबाइल फोन धारकों ने
अपने कॉलर ट्यून बनाया है।
'इतनी
शक्ति हमें देना दाता' गीत के अलावा श्री अभिलाष के लिखे साँझ
भई घर आजा (लता), आज की रात न जा (लता), वो जो ख़त मुहब्बत में (ऊषा), तुम्हारी याद के सागर में (ऊषा), संसार है इक नदिया (मुकेश), तेरे बिन सूना मेरे मन का मंदिर
(येसुदास) आदि गीत भी बेहद लोकप्रिय हुए। वह लगभग 40 सालों से फ़िल्म जगत में
सक्रिय रहे। संवाद लेखन और गीत लेखन के लिए श्री अभिलाष को सुर आराधना अवार्ड, मातो श्री अवार्ड, सिने गोवर्स अवार्ड, फ़िल्म गोवर्स अवार्ड, अभिनव शब्द शिल्पी अवार्ड, विक्रम उत्सव सम्मान, हिंदी सेवा सम्मान और दादा साहेब
फाल्के अकादमी अवार्ड से सम्मानित किया गया है। वह स्क्रीन राइटर एसोसिएशन के
संयुक्त सचिव और इंडियन परफार्मिंग राइट सोसाइटी के निदेशक का पद भी संभाल चुके
हैं।