लाखों डॉलर की अघोषित संपत्ति का खुलासा होने के बाद विवादों से घिरे इमरान खान के स्पेशल एडवाइजर लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) आसिम सलीम बाजवा ने इस्तीफा दे दिया। खास बात ये है कि बाजवा ने सिर्फ प्रधानमंत्री इमरान के सूचना सलाहकार पद से इस्तीफा दिया है। उन्होंने चाइना पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपैक) के चेयरमैन का पद नहीं छोड़ा है। इसको लेकर ही वो विवादों में हैं और विपक्ष उनको हटाने की मांग कर रहा है।
पिछले दिनों एक मीडिया रिपोर्ट में सबूतों के साथ यह दावा किया गया था कि बाजवा और उनके परिवार के पास देश-विदेश में कई कंपनियां और लाखों डॉलर की प्रॉपर्टीज हैं।
विपक्ष की मांग
विपक्ष बाजवा का इस्तीफा सीपैक चेयरमैन पद से मांग कर रहा था। इमरान से उन्हें बर्खास्त करने की मांग भी हो रही है। लेकिन, बाजवा ने इमरान के सूचना सलाहकार के पद से इस्तीफा दिया, सीपैक चेयरमैन पद से नहीं। रूल्स के मुताबिक, सीपैक चेयरमैन का पद एडमिनिस्ट्रेटिव पोस्ट है और इस पर सिर्फ सिविलियन अफसर ही तैनात हो सकता है। किसी सैन्य अफसर की नियुक्ति नहीं की जा सकती। लेकिन, इमरान सरकार ने नियमों को खारिज कर दिया।
टीवी इंटरव्यू में इस्तीफे की जानकारी दी
बाजवा ने गुरुवार रात पाकिस्तान के एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा- मैं प्रधानमंत्री के स्पेशल एडवाइजर पद से रिजाइन कर रहा हूं। मेरे ऊपर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं और इनके जरिए मेरी छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है। मैंने और मेरे परिवार ने कुछ गलत नहीं किया।
कौन हैं बाजवा और क्या हैं आरोप?
असीम सलीम बाजवा पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता रहे। प्रधानमंत्री इमरान खान से नजदीकियों के चलते उन्हें सीपैक का चेयरमैन बनाया गया। हालांकि, यह एडमिनिस्ट्रेटिव पोस्ट है और इसीलिए फौज के आदमी को इस पद पर बिठाने का विरोध भी हुआ।
बाजवा पर आरोप है कि उनकी और उनके परिवार की अमेरिका समेत 4 देशों में प्रॉपर्टीज हैं। उनकी पत्नी और भाइयों की करीब 99 कंपनियां हैं। बाजवा के बेटे ने 5 साल पहले एक अमेरिकी कंपनी ज्वॉइन की। इसके बाद कुछ कंपनियां बनाईं। कुल मिलाकर बाजवा के पास लाखों डॉलर की संपत्ति बताई जाती है। विपक्ष अब सरकार से बाजवा के खिलाफ जांच और हटाने का दबाव बना रहा है।
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