मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर होने जा रहे अहम उपचुनाव के लिए तीन नवंबर को मतदान कोरोना महामारी की रोकथाम के दिशा निर्देशों के साथ सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक होगा। प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी अरुण तोमर ने सोमवार को बताया कि मतदान का अंतिम एक घंटा कोविड-19 के मरीजों तथा संदिग्ध मरीजों के लिए निर्धारित रहेगा। प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव में प्रदेश के 12 मंत्रियों सहित कुल 355 उम्मीदवार मैदान में हैं।
अधिकारी ने बताया कि 19 जिलों में उपचुनाव के तहत 33 हजार सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। प्रदेश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की पूरी तैयारियां की गई हैं। उन्होंने बताया कि 250 उड़न दस्ते, 173 निगरानी दल तथा 293 पुलिस चौकियों को सेवा में लगाया गया है। उन्होंने बताया कि 28 विधानसभा सीटों पर कुल 63.67 लाख मतदाता हैं। इन मतदाताओं के लिए 9,361 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं। जबकि इनमें से 3,038 मतदान केन्द्रों को संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है।
मध्य प्रदेश के इतिहास में पहली दफा 230 सदस्य वाले सदन में 28 सीटों के उपचुनाव एक साथ हो रहे हैं। इस उपचुनाव के परिणाम प्रदेश में किसी भी दल की सरकार बनाने में अहम साबित हो सकते हैं। मध्य प्रदेश में उपचुनाव के तहत तीन नवंबर को मतदान तथा दस नवंबर को मतों की गणना होगी।
चुनाव प्रचार के दौरान कटु शब्दों का इस्तेमाल हुआ
मध्य प्रदेश में इस उपचुनाव के दौरान मुख्य प्रतिद्वंद्वी दलों भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के बीच चुनाव प्रचार के दौरान कटु शब्दों का इस्तेमाल भी देखा गया है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने कहा है कि प्रदेश में अधिकांश सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों के बीच सीधा मुकाबला है जबकि ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की दो या तीन सीटों पर बसपा के चलते त्रिकोणीय मुकाबला है।