मध्य प्रदेश में अब बिजली और महंगी हो गई है| विद्युत वितरण कंपनियों के प्रस्ताव पर मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने वर्तमान टैरिफ में 1.98% की वृद्धि को स्वीकृति दे दी है| गुरूवार को इस सम्बन्ध में आदेश जारी कर विद्युत दरों का निर्धारण किया है | नई दरें 26 दिसंबर से अगली विद्युत दरों के निर्धारण किए जाने तक की अवधि के लिए लागू रहेंगी|
आयोग द्वारा बताया गया कि विद्युत वितरण
कंपनियों द्वारा 40,016 करोड़ की कुल राजस्व आवश्यकता एवं
मौजूदा दरों पर रुपए 2169 का राजस्व अंतर दर्शाया गया था| बिजली कंपनियों ने इस राजस्व अंतर की
पूर्ति के लिए वर्तमान टैरिफ में 5.73%
वृद्धि का प्रस्ताव दिया था| जिस
पर आयोग ने रुपए 37673 करोड़ की कुल राजस्व आवश्यकता और 730 करोड़ के राजस्व अंतर को मान्य किया
गया है| आयोग द्वारा उक्त राजस्व अंतर की
पूर्ति के लिए वर्तमान टैरिफ में 1.98% की
वृद्धि को मान्य किया गया है|
इन श्रेणी में टेरिफ वृद्धि नहीं की गई है
-30
मिनट तक खपत वाले 100 वॉट विद्युत भार तक के घरेलू उपभोक्ता
-निम्न
दाब उद्योग
-विवाह
समारोह एवं अन्य सामाजिक तथा धार्मिक कार्यक्रमों के लिए अस्थाई संयोजन
-ई
वाहन व रिक्शा चार्जिंग स्टेशन
-रेलवे
ट्रैक्शन
आयोग ने बताया वर्तमान टैरिफ आदेश में मीटरिंग
शुल्क को मान्य नहीं किया गया है| उपभोक्ता
द्वारा मीटर किराया देय नहीं होगा| वहीं
स्वयं के गृह निर्माण के लिए अस्थाई संयोजन बावत विद्युत दर ट्रैफिक को कम करते
हुए इसकी वर्तमान 1 वर्ष की अधिकतम अवधि को बढ़ाकर 3 वर्ष किया गया है| HV 5 श्रेणी को युक्तियुक्तकरण करते हुए HV 5.1 (सार्वजनिक जल प्रदाय कार्य, समूह सिंचाई तथा उद्वहन सिंचाई) एवं HV 5.2 (कृषि संबंधी अन्य उपयोग श्रेणियों) का
संविलियन किया गया है|
आयोग ने बताया कृषि उपभोक्ता- राज्य शासन
द्वारा देय सब्सिडी के दृष्टिगत, 10 हॉर्स
पावर विद्युत भार तक के कृषि उपभोक्ताओं द्वारा रुपए 750 प्रति हॉर्स पावर प्रतिवर्ष, तथा 10 हॉर्स पावर से अधिक विद्युत भार के कृषि उपभोक्ताओं को रुपए 1500 प्रति हॉर्स पावर प्रतिवर्ष की दर से
विद्युत बिल देना होगा|