देखें भारत के गौरव, विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे पुल की तस्वीर, रेल मंत्री ने साझा की जानकारी
जम्मू-कश्मीर में दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल लगभग बनकर तैयार हो चुका है। रेल मंत्री ने इसकी तस्वीर साझा की है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि यह इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में बेमिसाल है। दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है। इसका काम आखिरी चरण में है।
Reaching Arch Completion:
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) February 25, 2021
The steel arch of Chenab bridge, World's highest Railway Bridge, finally reaching at closure position. pic.twitter.com/jsHWAfHcLe
कटड़ा-बनिहाल के बीच रियासी में चिनाब नदी पर इस पुल का निर्माण चल रहा है। इस पुल के बनकर तैयार हो जाने पर ट्रेन सीधा कश्मीर जा सकेगी। वर्ष 2002 में उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक को राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया था। 111 किमी लंबे कटड़ा-बनिहाल रेल लिंक में 53.66 किमी लंबे कटड़ा से धरम खंड के फासले पर सबसे चुनौतीपूर्ण काम चल रहा है।
यह मार्ग रियासी, मूरी, और पीर पंजाल पहाड़ों के सबसे मुश्किल भौगोलिक परिस्थितियों से गुजरता है। इसका 46.1 किमी यानी कुल लंबाई का 86% रास्ता सुरंगों से होकर गुजरता है, जबकि 4.6 किमी यानी 8.6% रास्ता पुलों से और बाकी 5.5% मार्ग कटिंग और तटबंधों से है। यह प्रोजेक्ट कोंकण रेलवे के पास है। इस प्रोजेक्ट में विश्व के सबसे ऊंचे पुल (359 मीटर) का निर्माण सलाल हाईड्रो पावर डैम के पास चिनाब नदी पर हो रहा है। पुल की लंबाई 1315 मीटर है जो पेरिस के एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा है
इस प्रोजेक्ट की लागत 21,653 करोड़ है। इसमें 26 बडे़ और 11 छोटे पुल हैं। 37 पुलों की कुल लंबाई 7 किमी है। इसमें 35 टनल हैं जिसमें 27 मुख्य टनल हैं, जबकि 8 एस्केप टनल हैं। इसमें सबसे लंबा टनल टी-49 है जिसकी कुल लंबाई 12.75 किमी की है।
15 वर्षों से जारी है निर्माण कार्य, लॉकडाउन के चलते पिछले वर्ष मार्च में हुआ था बंद
गौरतलब है कि लॉकडाउन के चलते बंद हुए विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज का काम लगभग दो माह बाद फिर से शुरू हो गया है। इसका काम पिछले 15 वर्षों से जारी है। लॉकडाउन के कारण जिला मुख्यालय से बीस किलोमीटर दूर स्थित बक्कल गांव में पुल को बनाने का काम मार्च माह के अंत में रोक दिया गया था। इसका निर्माण अफकांस कंपनी की तरफ से किया जा रहा है
कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर पी. कृष्णामृर्ति ने बताया कि केंद्र से आदेश मिलने के बाद ब्रिज का कार्य फिर शुरू किया गया है। बंद के चलते इंजीनियर और कर्मचारियों को यहीं रोक लिया गया था। उनके रहने व खाने की व्यवस्था की गई थी।