श्री रामनाम वन्दना | रामनाम वन्दना तुलसीदास विनयपत्रिका | Shir Ram Nam Vandna - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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गुरुवार, 10 जून 2021

श्री रामनाम वन्दना | रामनाम वन्दना तुलसीदास विनयपत्रिका | Shir Ram Nam Vandna

श्री रामनाम वन्दना | रामनाम वन्दना तुलसीदास विनयपत्रिका  

श्री रामनाम वन्दना | रामनाम वन्दना तुलसीदास विनयपत्रिका | Shir Ram Nam Vandna



श्री रामनाम वन्दना
 राग रामकली 


सदा

राम जपु,राम जपु,राम जपु, राम जपु, राम जपु, मूढंअन बार बारं।
सकल सौभाग्य-सुख-खानि जिय जानि शठ,मानि विश्वास वद वेदसारं ॥

कोशलेन्द्र नव-नीलकञ्जाभतनु,मदन-रिपु-कञ्जह्रदि-चञ्चरीकं।
जानकीरवन सुखभवन भुवनैकप्रभु,समर-भञ्जन,परम कारुनीकं ॥ २ ॥


दनुज-वन धूमधुज,पीन आजानुभुज,दण्ड-कोदण्डवर चण्ड बानं।
अरुनकर चरण मुख नयन राजीव,गुन-अयन,बहु मयन-शोभा-निधानं ॥ ३ ॥


वासनावृन्द-कैरव-दिवाकर, काम-क्रोध-मद कञ्ज-कानन-तुषारं।
लोभ अति मत्त नागेन्द्र पञ्चानन भक्तहित हरण संसार-भारं ॥ ४ ॥


केशवं,क्लेशहं,केश-वन्दित पद-द्वन्द्व मन्दाकिनी-मूलभूतं।
सर्वदानन्द-सन्दोह,मोहापहं, घोर-संसार-पाथोधि-पोतं ॥ ५ ॥


शोक-सन्देह-पाथोदपटलानिलं, पाप-पर्वत-कठिन-कुलिशरूपं।
सन्तजन-कामधुक-धेनु,विश्रामप्रद, नाम कलि-कलुष-भञ्जन अनूपं ॥ ६ ॥


धर्म-कल्पद्रुमाराम, हरिधाम-पथि सम्बलं, मूलमिदमेव एकं।
भक्ति-वैराग्यं विज्ञान-शम-दान-दम, नाम आधीन साधन अनेकं ॥ ७ ॥


तेन तप्तं,हुतं,दत्तमेवाखिलं, तेन सर्व कृतं कर्मजालं।
येन श्रीरामनामामृतं पानकृतमनिशमनवद्यमवलोक्य कालं ॥ ८ ॥


श्वपच,खल,भिल्ल,यवनादि हरिलोकगत, नामबल विपुल मति मल न परसी।
त्यागि सब आस,सन्त्रास,भवपास असि निसित हरिनाम जपु दासतुलसी ॥