विश्व पर्यटन दिवस 2021 पर निबंध | Essay on World Tourism Day 202 in Hindi - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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शुक्रवार, 24 सितंबर 2021

विश्व पर्यटन दिवस 2021 पर निबंध | Essay on World Tourism Day 202 in Hindi

 विश्व पर्यटन दिवस 2021 पर निबंध
 Essay on World Tourism Day 202 in Hindi
विश्व पर्यटन दिवस 2021 पर निबंध | Essay on World Tourism Day 202 in Hindi



  • विश्व पर्यटन दिवस हर साल 27 सितम्बर को मनाया जाता है। 1970 मे संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन के स्थापना दिवस पर यह मनाया जाता है। इसे मनाने की शुरूआत 1980 से हुई। पर्यटन से तात्पर्य मौजमस्ती, सैरसपाटे और व्यापार के लिए यात्रा से है। यह यात्रियो और मेज़बान लोगो के बीच मेल-मिलाप प्रमुख सूत्र है। यह लोगो के बीच संपर्क को बढ़ावा देता है जो कि अलग-अलग संस्कृतियो के होते हैं इस प्रकार यह सहिष्णुता को भी बढ़ावा देता है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने ठीक ही कहा है कि शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व खोज मे लगी दुनिया के लिए पर्यटन एक महत्वपूर्ण कारक साबित हो सकता है। 


  • पर्यटन मे लगातार वृध्दि हो रही है।यह विश्वभर मे सबसे तेज़ी से बढ़ने वाले आर्थिक क्षैत्रो मे से एक क्षेत्र बन गया है। यह वैश्विक वाणिज्य मे प्रमुख भूमिका अदा कर रहा है साथ ही विकासशील देशो मे आय का प्रमुख स्त्रोत बन गया है। विकासशील देशो मे पर्यटन राजस्व एंव रोज़गार सृजन का प्रमुख स्त्रोत बन गया है। पर्यटन दिवस का प्रमुख उद्देश्य लोगो मे पर्यटन के बारे मे जागरूक बनाना तथा इसके सांस्कृतिक,राजनीतिक तथा आर्थिक महत्व को उजागर करना है। 

  • संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन ने विश्व पर्यटन की आचार-संहितातैयार की है ताकि किसी देश की सांस्कृतिक विरासत और पर्यावरण को पर्यटन के नकारात्मक प्रभावो से बचाया जा सके। पर्यटन ही एकमात्र वो तरीका है जिसके ज़रिये लोग नई संस्कृतियो के बारे मे जानते हैं।


विश्व  पर्यटन दिवस का विषय 

  • संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन प्रत्येक वर्ष विश्व पर्यटन दिवस के लिए एक देश को मेज़बान देश घोषित करता है साथ ही प्रत्येक वर्ष एक विषय तय करता है। उदाहरण के लिए 1981 का विषय था- पर्यटन और जीवन की विशेषता” 


  • 2016 का विषय "सभी के लिए पर्यटन - विश्वव्यापी पहुंच को बढ़ावा देना" होगा। 
  • वर्ष 2017 में विश्व पर्यटन दिवस के लिए थीम "सतत पर्यटन - विकास के लिए एक उपकरण" था। 
  • वर्ष 2018 में विश्व पर्यटन दिवस के लिए थीम "पर्यटन और सांस्कृतिक संरक्षण" था। 
  • वर्ष 2019 में विश्व पर्यटन दिवस के लिए थीम "टूरिज्म एंड जॉब्स: अ बेटर फ्यूचर फॉर आल" था। 
  • वर्ष 2020 में विश्व पर्यटन दिवस के लिए थीम "पर्यटन और ग्रामीण विकास" था।
  • वर्ष 2021 में विश्व पर्यटन दिवस के लिए थीम समावेशी विकास के लिए पर्यटन  Tourism for Inclusive Growth

 

पर्यटन का महत्त्व 

  • विदित हो कि पर्यटन विश्व के सबसे बड़े उद्योगों में से एक है।  इसके विकास का पता केवल इस तथ्य से ही लगाया जा सकता है कि विश्व भर में पर्यटकों की संख्या वर्ष 1950 के 2.5 करोड़ की तुलना में वर्ष 2016 में 123 करोड़ हो गई थी।
  • भारत में भी अधिकांश जनसंख्या की जीविका का स्रोत पर्यटन उद्योग ही है। वर्ष 2016 में जीडीपी व देश के कुल रोज़गार में पर्यटन का योगदान क्रमशः 9.6%9.3% था।
  • पर्यटन उद्योग का स्थाई रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराने और गरीबी निवारण में महत्त्वपूर्ण योगदान है।

 

अतुल्य भारत अभियान - भारतीय पर्यटन विभाग एक अभियान

 

  • अतुल्य भारत, भारतीय पर्यटन विभाग एक अभियान है, जो देश-विदेश में भारत का प्रतिनिधित्व करता है।
  • इस अभियान का उद्देश्य भारतीय पर्यटन को वैश्विक मंच उभारना है।
  • उल्लेखनीय है कि भारत विश्व के पाँच शीर्ष पर्यटक स्थलों में से एक है। अतः भारतीय पर्यटन विभाग ने सितंबर 2002 में 'अतुल्य भारत' नाम से इस नए अभियान को शुरू किया था।
  • इस अभियान के तहत हिमालय, वन्य जीव, योग और आयुर्वेद की ओर अंतर्राष्ट्रीय समूह का ध्यान आकर्षित किया गया। वास्तव में इस अभियान से देश के पर्यटन क्षेत्र में संभावनाओं के नए द्वार खुले हैं।
  • देश की पर्यटन क्षमता को विश्व के समक्ष प्रस्तुत करने वाला यह इस प्रकार का पहला प्रयास था। 

 

भारतीय पर्यटन उद्योग से संबंधित समस्याएँ

जटिल वीज़ा प्रक्रिया: 

  • ई-वीज़ा सुविधा शुरू करने के बावजूद अभी भी भारत में आने वाले अधिकांश पर्यटक और आगंतुक वीज़ा के लिये आवेदन करने की प्रक्रिया को काफी बोझिल और जटिल मानते हैं। महामारी के दौरान वीज़ा की यह प्रक्रिया और भी अधिक जटिल हो गई है।


अवसंरचना और कनेक्टिविटी का मुद्दा: 

प्रायः बुनियादी ढाँचे की कमी और अपर्याप्त कनेक्टिविटी के कारण कई बार पर्यटकों को कुछ विरासत पर जाने के लिये कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उदाहरण के लिये कंचनजंगा जैसे कई पर्यटन स्थल अभी भी आसानी से आम लोगों के लिये उपलब्ध नहीं हैं।


प्रचार और जागरूकता की कमी: 

  • यद्यपि बीते कुछ वर्षों में भारत के पर्यटन क्षेत्र के प्रचार में काफी वृद्धि देखी गई है, किंतु अभी भी ऑनलाइन मचों पर भारत के पर्यटक स्थलों को लेकर प्रचार और जागरूकता की कमी स्पष्ट दिखाई देती है।

 

  • पर्यटक सूचना केंद्रों को सही ढंग से प्रबंधित नहीं किया जाता है, जिससे घरेलू और विदेशी पर्यटकों के लिये आवश्यक जानकारी प्राप्त करना काफी मुश्किल हो जाता है।

आवश्यक कौशल की कमी: 

  • पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र के लिये पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित व्यक्तियों की कम संख्या भारत के पर्यटन उद्योग के लिये एक बड़ी चुनौती है, जिसके कारण भारत आने वाले पर्यटकों को विश्व स्तरीय अनुभव प्रदान करना मुश्किल हो जाता है।

पर्यटक सुरक्षा: 

  • भारत में आने वाले विदेशी पर्यटकों को प्रायः लूट और चोरी आदि का सामना करना पड़ता है, जिसके कारण उनके मन में भारत और देश की कानून-व्यवस्था को लेकर एक नकारात्मक छवि उत्पन्न होती है।