जल में कुंभ कुंभ में जल है दोहे का हिन्दी अर्थ | Jal Me Kumbh Kumbh Me Jal Dohe Ka Hindi Arth - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

Breaking

मंगलवार, 28 सितंबर 2021

जल में कुंभ कुंभ में जल है दोहे का हिन्दी अर्थ | Jal Me Kumbh Kumbh Me Jal Dohe Ka Hindi Arth

 जल में कुंभ कुंभ में जल है दोहे का हिन्दी अर्थ 

Jal Me Kumbh Kumbh Me Jal Dohe Ka Hindi Arth

जल में कुंभ कुंभ में जल है दोहे का हिन्दी अर्थ  Jal Me Kumbh Kumbh Me Jal Dohe Ka Hindi Arth



जल में कुंभ कुंभ में जल है , बाहर भीतर पानी। 

फूटा कुंभ जल जल ही समाया , यही तथ्य कथ्यो ज्ञानी। ।

 

निहित शब्द – 

जल पानी

कुम्भ घडा

समाया मिल जाना

तथ्य बात

ज्ञानी विद्वान।

 

जल में कुंभ कुंभ में जल है दोहे का हिन्दी अर्थ व्याख्या 

इस कबीर के दोहे अर्थ यह है की उपरोक्त पंक्ति में कबीरदास के अध्यात्म का पता चलता है , वह जल और कुंभ , घड़े का उदाहरण देकर बताना चाहते हैं कि किस प्रकार शरीर के भीतर और शरीर के बाहर आत्मा का वास है , उस परमात्मा का रूप है। शरीर के मरने के बाद जो शरीर के भीतर की आत्मा है वह उस परमात्मा में लीन हो जाती है। ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार घड़े के बाहर और भीतर जल है। घड़ा के फूटने पर जल का विलय जल में ही  हो जाता है।

 

ठीक उसी प्रकार जीवात्मा शरीर से मुक्त होकर परमात्मा में लीन हो जाता है।