माया मुई न मन मुआ का हिन्दी अर्थ |Maya Mui n Man Muwa Ka Hindi Arth - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

Breaking

मंगलवार, 28 सितंबर 2021

माया मुई न मन मुआ का हिन्दी अर्थ |Maya Mui n Man Muwa Ka Hindi Arth

 

माया मुई न मन मुआ का हिन्दी अर्थ 

माया मुई न मन मुआ का हिन्दी अर्थ |Maya Mui n Man Muwa Ka Hindi Arth



माया मुई न मन मुआ , मरी मरी गया सरीर। 

आशा तृष्णा ना मरी , कह गए संत कबीर। ।

 

 

 

निहित शब्द – 

  • माया भ्रम
  • मुई मरा ,  
  • तृष्णा पाने की ईक्षा।

 

माया मुई न मन मुआ का हिन्दी अर्थ व्याख्या

कबीरदास स्पष्ट तौर पर कहते हैं कि यह संसार मायाजाल है , इस मायाजाल में फंसकर लोगों की हालत मृगतृष्णा के समान हो गई है। लोग इधर-उधर भटक रहे हैं। यह भटकन उनकी मायाजाल है इसी में भटकते भटकते एक दिन वह इस मायाजाल से बाहर निकल जाता है , अर्थात मर जाता है। लोग सांसारिक सुख और आशा तृष्णा में रहकर फंस गए हैं।  उसी माया की चाह के लिए उसकी प्राप्ति के लिए दिन रात जतन करते रहते हैं। इससे उनकी आशा तृष्णा भी समाप्त नहीं हो पाती है और अंत में उसी गति को प्राप्त करते हैं , जो उसकी नियति में निहित है।

 

तो क्यों ना इस आशा तृष्णा से मुक्ति का प्रयास किया जाना चाहिए जबकि मृत्यु सत्य है।

 

कबीर के दोहे जीवन में परिवर्तन लाने का एक गज़ब का साधन है |