निर्गुण राम जपो रे भाई दोहे का हिन्दी अर्थ
निर्गुण राम जपो रे भाई
निहित शब्द – निर्गुण – जो अदृश्य हो।
निर्गुण राम जपो रे भाई दोहे का हिन्दी अर्थ व्याख्या –
कबीरदास ‘ राम ‘ नाम के उपासक थे , किंतु उनके राम दशरथ पुत्र राम ना होकर ‘ निर्गुण ‘ , ‘ निराकार ‘ थे। कबीरदास निर्गुण और निराकार के उपासक थे वह निरंकार रूपी ईश्वर की आराधना करने की बात करते थे।