राजस्थान में रेल परिवहन (Railway Transport in Rajsthan)
राजस्थान में रेल परिवहन
- स्वतंत्रता से पूर्व राजस्थान में रेल मार्गों का विकास बहुत कम था। थोड़ा बहुत रेल मार्गों का विकास जयपुर रियासत, बीकानेर रियासत, जोधपुर रियासत तथा उदयपुर रियासत में हुआ था। डूंगरपुर, बांसवाडा, जैसलमेर रियासतें रेल मार्गों से जुड़ी हुई नहीं थी। स्वतन्त्रता के बाद भारत सरकार ने रेल विकास का काम हाथ में लिया। वर्तमान में रेल परिवहन भारत सरकार का सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है। प्रत्येक वर्ष संसद में रेलमंत्री के द्वारा रेल बजट पेश किया जाता है।
- राजस्थान में रेल विकास का दायित्व भारत सरकार पर भारत के कुल रेल मार्गों का लगभग 11 प्रतिशत भाग ही राजस्थान में है। राजस्थान में रेल मार्गों की कुल लम्बाई मार्च 2002 में 5894 किलोमीटर थी जो देश के रेल मार्गों की कुल लम्बाई 63140 किलोमीटर का 9.4 प्रतिशत था।
- राजस्थान के रेल मार्गों की कुल लम्बाई में ब्रोडगेज का भाग 51.4 प्रतिशत है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 71.4 प्रतिशत है। राजस्थान में 31 मार्च 2002 को प्रति हजार वर्ग किलोमीटर में रेल मार्गों की औसतन लम्बाई 17.2 किलोमीटर थी जबकि यह राष्ट्रीय स्तर पर 19.2 किलोमीटर थी ।
- राज्य में मार्च 2008 में रेल मार्गों की कुल लम्बाई 5683.01 किलोमीटर थी। जिसमें ब्रोडगेज का भाग 68.37 प्रतिशत, मीटर गेज का भाग 30.10 प्रतिशत तथा नैरोगेज का भाग 1.53 प्रतिशत था। राज्य में 31 मार्च 2008 को प्रति हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में रेल मार्गों की औसतन लम्बाई 16.61 किलोमीटर थी ।
राजस्थान के प्रमुख रेल मार्ग
- प्रमुख रेल मार्ग राजस्थान के प्रमुख रेल मार्गों में जयपुर- मुम्बई रेल मार्ग, जोधपुर-हावड़ा रेल मार्ग, दिल्ली - अहमदाबाद रेल मार्ग, उदयपुर - दिल्ली रेलमार्ग, बीकानेर - दिल्ली रेलमार्ग, जयपुर-दिल्ली रेल मार्ग, जयपुर - गंगानगर रेलमार्ग, फुलेरा- दिल्ली रेल मार्ग, जयपुर-सवाई माधोपुर रेल मार्ग, जयपुर-आगरा रेलमार्ग, जयपुर-जम्मूवती रेल मार्ग, जोधपुर- गौहाटी रेलमार्ग, जयपुर - लुहारू रेलमार्ग, जयपुर- चेन्नई रेलमार्ग, जोधपुर - हरिद्वार रेलमार्ग आदि महत्वपूर्ण है।