राजस्थान में परिवहन व्यवस्था
राजस्थान में परिवहन व्यवस्था
- आर्थिक विकास में परिवहन का महत्त्वपूर्ण स्थान है। औद्योगिक विकास के लिए परिवहन आवश्यकता है। परिवहन के साधनों से सभी क्षेत्रों के विकास को गति मिलती है। परिवहन की प्राकृतिक आपदाओं के समय में अत्यधिक उपयोगिता होती है। युद्ध के समय परिवहन के साधनों की महत्ता और अधिक बढ़ जाती है। परिवहन का सांस्कृतिक महत्त्व भी होता है। राजस्थान के योजनाबद्ध विकास में परिवहन विकास पर ध्यान दिया गया है। राजस्थान ने विगत कुछ वर्षों में परिवहन के क्षेत्र में प्रगति की है।
- परिवहन में मुख्यतः सड़क, रेल और वायु यातायात को सम्मिलित किया जाता है।
राजस्थान में सड़क परिवहन
महानगर और बड़े शहर सामान्यतया रेल और वायु यातायात से जुड़े होते हैं, किन्तु गांवों के परिवहन का साधन मुख्यतः सड़के ही है। गांवों में सड़कों का महत्त्व मानव शरीर में शिराओं और धमनियों की भांति है। राजस्थान में जनसंख्या का बड़ा भाग गांवों में जीवन बसर करता है। राज्य के गांवों में जहाँ-जहाँ सड़कें पहुंची है, समृद्धि स्वतः ही नजर आने लगी है। सड़कों के विकास के बिना गांव अधूरे दिखते हैं। सड़कों के अभाव में गांवों का सामाजिक विकास गति नहीं पकड़ पाता है। वर्तमान में राजस्थान के गांवों में सड़कों का जाल बिछा हुआ नजर आने लगा .
राजस्थान में सड़क परिवहन की प्रगति को निम्नलिखित बिन्दुओं से समझा जा सकता है:
1. यातायात विकास पर योजना खर्च -
- राजस्थान के योजनाबद्ध विकास में यातायात विकास पर खर्च में वृद्धि हुई। विभिन्न पंचवर्षीय योजनाओं में यातायात विकास पर खर्च में उत्तरोत्तर वृद्धि हुई। वर्तमान में सड़क परिवहन राज्य सरकार का महत्त्वपूर्ण प्राथमिकता वाला विकास शीर्ष है।
2. सड़कों का विकास
- योजनाबद्ध विकास में यातायात खर्च में वृद्धि से सड़क परिवहन का विकास हुआ है। राजस्थान में डामर की सड़कों की लम्बाई 1950-51 में 17339 किलोमीटर थी जो 2010-11 में बढ़कर 189034 किलोमीटर (प्रावधानिक) हो गई। इन सड़कों में राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग, मुख्य जिला सड़कें, अन्य जिला सड़कें व ग्रामीण सड़कें सम्मिलित है।
- राजस्थान में डामर की सड़कों के अलावा ग्रेवल की सड़कें, पक्की सड़कें, साधारण मौसमी सड़कें भी है। वर्ष 2008-09 में राजस्थान में सभी प्रकार की सड़कों की लम्बाई 186806 किलोमीटर थी। इनमें डामर की सड़कें 140437 किलोमीटर, पक्की सड़कें 1399 किलोमीटर, ग्रेवल की सड़कें 41104 किलोमीटर तथा साधारण सड़कें 3866 किलोमीटर थी.
राजस्थान में राष्ट्रीय राजमार्ग
- राजस्थान में राष्ट्रीय राजमार्ग की लम्बाई राजस्थान के विशाल क्षेत्रफल को देखते हुए कम है। राष्ट्रीय राजमार्ग के विकास का काम नेशनल हाइवे अथोरिटी देखता है। राजस्थान से कुल सात राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरते हैं, इनमें पांच मार्ग सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण हैं। इनमें राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 8 सबसे महत्त्वपूर्ण और व्यस्त राजमार्ग है। राजस्थान में इसकी लम्बाई 685 किलोमीटर है। यह राष्ट्रीय राजमार्ग दिल्ली से जयपुर, अजमेर, उदयपुर होता हुआ मुम्बई जाता है।
- राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 11 सुरक्षात्मक दृष्टि से बहुत महत्त्वपूर्ण मार्ग है यह से मार्ग आगरा से भरतपुर, दौसा, जयपुर, सीकर होता हुआ बीकानेर जाता है। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 12 जयपुर से टोंक, बून्दी, कोटा, झालावाड़ होता हुआ भोपाल तक जाता है। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 14 ब्यावर, पाली, सिरोही, आबूरोड़ होता हुआ कांदला तक जाता है। राष्ट्रीय राजमार्ग 15 पठानकोट से राजस्थान के श्रीगंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर होता हुआ कांदला तक जाता है। इसकी राजस्थान में लम्बाई 875 कि.मी. है। इन राष्ट्रीय राजमार्गों के अलावा राजस्थान में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 3 भी है । राजस्थान में इस मार्ग की लम्बाई केवल 28 किलोमीटर ही है। यह राष्ट्रीय राजमार्ग धोलपुर जिले से गुजरता है। राजस्थान में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 8 पर जयपुर- किशनगढ़ 6 लेन है इस मार्ग का निर्माण स्वर्ण चतुर्भुज योजना के अन्तर्गत मार्च 2005 में हुआ।
4. राजस्थान राज्य सड़क परिवहन निगम
- यह राजस्थान सरकार का सार्वजनिक क्षेत्र का प्रमुख प्रतिष्ठान है। एक वैधानिक निगम के रूप में इसकी स्थापना 1964 में हुई। यह निगम स्थापना के समय से ही यात्री यातायात के क्षेत्र में उल्लेखनीय भूमिका निभा रहा है।
5. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पी. एम. जी. एस.वाई.) –
- देश के सभी गांवों को बारहमासी सड़कों से - जोड़ने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री द्वारा 25 दिसम्बर 2000 को "प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना' घोषित की गई। इसके अन्तर्गत 1991 की जनगणना के अनुसार 1000 तथा इससे अधिक आबादी वाले गांवों को वर्ष 2003 तक तथा 500 से 1000 तक आबादी वाले सभी गांवों को 2007 तक सड़कों से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। जनजाति क्षेत्रों में 250 की आबादी वाले गांवों को सड़क से जोड़ने की योजना है।
राजस्थान रोड विजन - 2025
- राजस्थान में सड़क तंत्र के कायापलट के लिए 'राजस्थान रोड़ विजन-2025 तैयार किया गया। सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा इक्कीसवीं सदी के पहले 25 साल में राज्य में सड़कों के विकास के लिए यह दीर्घावधि "विजन" तैयार किया गया। इसमें सड़कों के विकास के साथ-साथ सड़कों के रख-रखाव और सड़कों की गुणवत्ता पर बल दिया गया है। 'रोड विजन 2025' में पहले 15 साल में सभी गांवों को सड़कों से जोड़ने के बाद अगले 10 साल में एक्सप्रेस वे, फ्लाई ओवर, चार लेन के राजकीय मार्ग पर जोर दिया गया है। इस विजन में धार्मिक महत्व के स्थानों, पर्यटन, खनन और औद्योगिक क्षेत्रों के लिए नये सड़क सम्पर्क विकसित करना जरूरी माना गया है।
- सड़क परिवहन के संबंध में राजस्थान को "मॉडल स्टेट" माना जा सकता है। राजस्थान में परिवहन व्यवस्था और कार्यविधि अनुकरणीय है।