अल्लूरी सीताराम राजू कौन थे?
अल्लूरी सीताराम
राजू कौन थे?
अल्लूरी सीताराम
राजू एक भारतीय क्रांतिकारी थे जिन्होंने भारत में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के
खिलाफ एक सशस्त्र अभियान चलाया। वह 18 साल की उम्र में संत बन गए।
वर्तमान आंध्र
प्रदेश में जन्मे सीताराम राजू ने वर्ष 1882 के मद्रास वन अधिनियम के खिलाफ ब्रिटिश विरोधी गतिविधियों में शामिल हो गए।
इस अधिनियम ने
आदिवासियों (आदिवासी समुदायों) के उनके वन आवासों में मुक्त आवाजाही और उन्हें
पारंपरिक रूप का पोडु (स्थानांतरित खेती झूम कृषि) को प्रतिबंधित कर दिया।
अंग्रेजों के
प्रति बढ़ते असंतोष ने 1922 के रम्पा
विद्रोह/मन्यम विद्रोह को जन्म दिया, जिसमें अल्लूरी सीताराम राजू ने एक नेतृत्वकर्त्ता के रूप
में एक प्रमुख भूमिका निभाई।
स्थानीय
ग्रामीणों द्वारा उनके वीरतापूर्ण कारनामों के लिये उन्हें "मन्यम
वीरुडु" (जंगल का नायक) उपनाम दिया गया था।
वर्ष 1924 में अल्लूरी
सीताराम राजू को पुलिस हिरासत में ले लिया गया, एक पेड़ से बांँध कर
सार्वजनिक रूप से गोली मार दी गई तथा सशस्त्र विद्रोह को प्रभावी ढंग से
समाप्त कर दिया।