वीर कुंवर सिंह के बारे में जानकारी ,कुंवर सिंह कौन थे?
वीर कुंवर सिंह के बारे में जानकारी (कुंवर सिंह कौन थे? )
वह जगदीशपुर के
परमार राजपूतों के उज्जैनिया कबीले के परिवार से थे, जो वर्तमान में बिहार के भोजपुर ज़िले का एक
हिस्सा है।
वह बिहार में
अंग्रजों के खिलाफ लड़ाई के मुख्य महानायक थे। उन्हें वीर कुंवर सिंह के नाम से
जाना जाता है।
वीर कुंवर सिंह
ने बिहार में वर्ष 1857 के भारतीय
विद्रोह का नेतृत्व किया। वह तब लगभग 80 वर्ष के थे जब उन्हें हथियार उठाने के लिये बुलाया गया और
उनका स्वास्थ्य भी खराब था।
उनके भाई, बाबू अमर सिंह और
उनके सेनापति, हरे कृष्ण सिंह
दोनों ने उनकी सहायता की थी। कुछ लोगों का मानना है कि कुंवर सिंह की प्रारंभिक
सैन्य सफलता के पीछे का असली कारण यही था।
उन्होंने बेहतरीन
युद्ध कौशल का प्रदर्शन किया और लगभग एक साल तक ब्रिटिश सेना को परेशान किया तथा
अंत तक अजेय रहे। वह गुरिल्ला युद्ध कला के विशेषज्ञ थे।
26 अप्रैल, 1858 को उनका निधन हो
गया।
भारत के
स्वतंत्रता आंदोलन में उनके योगदान के लिये 23 अप्रैल 1966 को भारत गणराज्य द्वारा उनके सम्मान में एक स्मारक डाक
टिकट जारी किया गया।
वर्ष 1992 में बिहार सरकार द्वारा वीर कुंवर सिंह
विश्वविद्यालय, आरा की स्थापना
की गई।
वर्ष 2017 में वीर कुंवर
सिंह सेतु, जिसे आरा-छपरा
ब्रिज के नाम से भी जाना जाता है, का उद्घाटन उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने के लिये किया
गया था।
वर्ष 2018 में कुंवर सिंह
की मृत्यु की 160वीं वर्षगाँठ
मनाने के लिये बिहार सरकार ने उनकी एक प्रतिमा को हार्डिंग पार्क में स्थानांतरित
कर दिया था। पार्क को आधिकारिक तौर पर 'वीर कुंवर सिंह आज़ादी पार्क' का नाम भी दिया गया था।