चाणक्य के अनुसार इनके बीच पड़ने से हमेशा हानि होती है | Chankya NIti With Explanation in Hindi - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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रविवार, 24 जुलाई 2022

चाणक्य के अनुसार इनके बीच पड़ने से हमेशा हानि होती है | Chankya NIti With Explanation in Hindi

  चाणक्य के अनुसार इनके बीच पड़ने से हमेशा हानि होती है

चाणक्य के अनुसार इनके बीच पड़ने से हमेशा हानि होती है | Chankya NIti With Explanation in Hindi



चाणक्य के अनुसार इनके बीच पड़ने से हमेशा हानि होती है


विप्रयोर्विप्रवह्नयोश्च दम्पत्योः स्वामिभृत्ययोः । 

अन्तरेण न गन्तव्यं हलस्य वृषभस्य च ॥

 शब्दार्थ-

दो ब्राह्मणों के तथा ब्राह्मण और अग्नि केपति-पत्नी के स्वामी और सेवक तथा  हल के और बैल  के बीच में होकर नहीं जाना चाहिए । 

भावार्थ-

दो ब्राह्मणब्राह्मण और अग्निपति और पत्नीस्वामी और सेवक तथा हल और बैल - इनके बीच में से होकर नहीं निकलना चाहिए । 

विमर्श - उपरोक्त श्लोक में बताए प्राणियों के मध्य से कभी नहीं गुजरना चाहिए अन्यथा हानि ही होगी ।