सर्वोषधीनाममृता प्रधाना सर्वेषु का हिंदी अर्थ और शब्दार्थ भावार्थ | Chankya Rajniti Quotes Hindi - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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शनिवार, 23 जुलाई 2022

सर्वोषधीनाममृता प्रधाना सर्वेषु का हिंदी अर्थ और शब्दार्थ भावार्थ | Chankya Rajniti Quotes Hindi

  सर्वोषधीनाममृता प्रधाना सर्वेषु का हिंदी अर्थ और शब्दार्थ भावार्थ  

सर्वोषधीनाममृता प्रधाना सर्वेषु का हिंदी अर्थ और शब्दार्थ भावार्थ | Chankya Rajniti Quotes Hindi



   सर्वोषधीनाममृता प्रधाना सर्वेषु का हिंदी अर्थ और शब्दार्थ भावार्थ


सर्वोषधीनाममृता प्रधाना सर्वेषु सौख्येष्वशनं प्रधानम्। 

सर्वेन्द्रियाणां नयनं प्रधानं सर्वेषु गात्रेषु शिरः प्रधानम्॥ ॥ अध्याय 2 श्लोक - 4


शब्दार्थ- 

सब औषधियों में गुर्च-गिलोय प्रमुख है। सब सुरा उत्पन्न करने वाले साधनों में भोजन प्रधान है। सब ज्ञानेन्द्रियों में नेत्र श्रेष्ठ हैं और सब अंग में सिर सर्वश्रेष्ठ है। 

भावार्थ- 

सब औषधियों में गिलोयसब सुखों में भोजनसब ज्ञानेन्द्रियों में आंख और शरीर के सब अंगों में सिर सर्वश्रेष्ठ होता। 


विमर्श - आचार्य चाणक्य ने उक्त श्लोक में।गलोय (गुर्च) को अमृत बताया है। इसी तरह सब सुखों में भोजन सुखज्ञानेन्द्रियों में आंख और अंगों में सिर श्रेष्ठ होता है।