पीयूष ग्रन्थि से निकलने वाले हार्मोन्स (Pituitary Gland in Hindi)
पीयूष ग्रन्थि से निकलने वाले हार्मोन्स
यह मस्तिष्क के निचले भाग में अग्रभाग में स्थित होती है। इस ग्रन्थि से कई तरह के हार्मोन्स निकल कर रक्त में मिलते हैं। ये हार्मोन्स निम्न हैं-
1 थायराइड उत्तेजक हार्मोन्स (Thyroid Stimulating Hormones) -
यह हार्मोन थायराइड के कार्यों जैसे आयोडीन को थायराइड हार्मोन्स में बदलने, रक्त में उसके प्रवाह आदि को नियंत्रित करने में सहयोग करता है।
2. एड्रीनोकार्टीकोट्राफिक हार्मोन (A. C. T. H) -
एड्रीनल ग्रन्थियों के विकास तथा उससे निकलने वाले हार्मोन पर नियंत्रण करता है।
3. वृद्धि हार्मोन (Growth Hormone) -
यह हार्मोन शरीर विभिन्न ऊतकों की वृद्धि में सहायता करता है। जब इसका स्राव कम मात्रा में होता है, तो कद नाटा रह जाता है। इस ग्रन्थि के स्राव से बच्चों की ऊंचाई बढ़ती है।
4. फॉलिकल उत्तेजक हार्मोन (Folicle Stimulating Harmons)) -
यह गन्थि स्त्रियों के डिम्ब निर्माण ओवेरियन फॉलिकल (Ovarian Follicles) और पुरूषों शुक्राणुओं के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।|
5. ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH) -
यह हार्मोन स्त्रियों में कार्पस ल्यूटिस (Corpus Lutes) के निर्माण में सहायक होता है, तथा गभिर्णी स्त्री के स्तनों का भी विकास करता है। पुरूषों में टेस्टोस्टेरान का स्राव करता है।
पीयूष ग्रन्थि ग्रन्थि के पश्च भाग से स्रावित होने वाले हार्मोन-
1. आक्सीटोसिन (Oxytocin ) -
यह हार्मोन स्त्रियों के गर्भाशय की पेशियों पर प्रभाव डालता है।
2. एण्टीडाययूरोटिक हार्मोन (A.D.H) -
इस हार्मोन के प्रभाव से मूत्र की मात्रा में कमी आती है। जब। A.D.H कम मात्रा में निकलता है, तो गुर्दों द्वारा पानी का अवशोषण कम होता है। इससे मूत्र की मात्रा बढ़ जाती है। इस हार्मोन की अधिक मात्रा रक्त चाप को बढ़ा देती है।
3. थायराइड ग्रन्थि (Thyroid Gland) -
यह ग्रन्थि गर्दन के सामने नीचे की ओर स्थित होती है। थायरॉयड ग्रन्थि थायरॉक्सिन का स्राव करती है, तथा ऊतकों की चयापचय क्रियाओं का नियमन करती है। थायरॉक्सिन के कम स्रावण से अंगों में विकृति तथा अधिक स्रावण से हायपरथायरोडिज्म नामक रोग हो जाता है।
4. पैराथायराइड ग्रन्थि (Parathyroid Gland) -
यह ग्रन्थि थायराइड ग्रन्थि के पास उससे लगी हुयी होती है। यह ग्रन्थि मटर दाने के आकार की होती है, तथा इनकी संख्या 4 होती है। इनसे निकलने वाला हार्मोन पैराथारमोन, शरीर में कैल्शियम तथा फास्फोरस का वितरण तथा चयापचयी क्रियाओं का नियमन करता है। इस हार्मोन की अधिकता से हड्डियाँ कमजोर तथा गुर्दों में पथरी बनने लगती है। इसकी कमी से कैल्शियम की कमी हो जाती है।
5. एडरीनल ग्रन्थियाँ (Adrenal Gland)-
ये ग्रन्थियाँ दोनों गुर्दो के ऊपर स्थित होती हैं। एड्रीनल से दो हार्मोन एड्रेनलीन और नारएड्रेनलीन निकलते है।
6. थाइमस ग्रन्थि (Thymus Gland)-
ये ग्रन्थि दोनों फेफड़ों के मध्य स्थित होती है। यह बच्चों में दो वर्षो तक बढ़ती है। उसके पश्चात सिकुड़कर छोटी हो जाती है, और व्यस्क में तंतुमय अवशेष के रूप में ही रह जाती है।
7. पीनियल ग्रन्थि (Pineal Gland) -
ये ग्रन्थि लाल रंग की गुठली के आकार की होती है। जो मस्तिष्क के पश्च भाग में स्थित होती है।