मानव मस्तिष्क के भाग और उनके कार्य एवं विशेषताएँ | Brain Parts in Hindi - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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गुरुवार, 15 फ़रवरी 2024

मानव मस्तिष्क के भाग और उनके कार्य एवं विशेषताएँ | Brain Parts in Hindi

 मानव मस्तिष्क के भाग और उनके कार्य एवं विशेषताएँ

मानव मस्तिष्क के भाग और उनके कार्य एवं विशेषताएँ | Brain Parts in Hindi



यह मेनिन्जेस नामक झिल्लियों से ढका होता है, जो चोट लगने पर खोपड़ी की रक्षा करता है।


 मानव मस्तिष्क के भाग

i) अग्रमस्तिष्क (Fore Brain)

(ii) मध्यमस्तिष्क (Mid Brain)

(iii) पश्च मस्तिष्क (Hind Brain)


(i) अग्रमस्तिष्क (Fore Brain)-

पूरे मस्तिष्क का दो-तिहाई भाग अग्रमस्तिष्क ही जाता है। यह मस्तिष्क का प्रमुख भाग है। इसलिए कई लोग इसे बड़ा मस्तिष्क भी कहते हैं। इसके दो हिस्से हैं-प्रमस्तिष्क तथा डाइएन सिफेलॉन।

प्रमस्तिष्क (Cerebrum)-

प्रमस्तिष्क निपुणता, बुद्धिमता, चेतना और स्मरण शक्ति का आधार है। आंख, नाक, कान, त्वचा और जिह्वा नामक पाँचों ज्ञानेंद्रियों का सीधा संबंध  इसी से होता है। यही उनसे प्राप्त प्रेरणाओं का विश्लेषण और समन्वय करता है। ऐच्छिक क्रियाओं को कराने वाला मख्य तंत्र यही है।

इसी के कारण हम घृणा, द्वेष, प्रेम, सहानुभूति आदि संवेदनाओं को प्रकट करते हैं। यही हमें नई-पुरानी बातों को याद कराता है या भुला देता है। यह बाहर से भूरा और भीतर से  सफेद होता है।

प्रमस्तिष्क में दो गोलार्ध होते हैं जिन्हें सेरिब्रल-गोलार्ध कहते हैं। इनमें गहरी दरारें-सी होती हैं जो इसे विभिन्न चार भागों में बांट देती हैं। वे भाग हैं-फ्रन्टल पालि, पैराइटल पालि, टैंपोरल पालि और ऑक्सीपीटल पालि।

(a) फ्रंटल पालि (Frontal Lobe)-

इसके द्वारा मांस-पेशियों पर नियन्त्रण रखा जाता है। यही ऐच्छिक पेशियों की क्रियाओं का आधार है।

(b) पैराइटल पालि (Parietal Lobe)-

इसका संबंध हमारी संवेदनाओं से होता है। स्पर्श, गंध, तापमान, दर्द आदि संवेदनाओं को कराने वाला यही भाग होता है।

(c) ऑक्सीपीटल पालि (Occipital Lobe)-

इसका संबंध हमारी दृष्टि से है। यह दृश्य संवेदनाओं को ग्रहण करता है।

(d) टेंपोरल पालि (Temporal Lobe)—

इसका संबंध सुनने से है। हम इसी की सहायता से विभिन्न ध्वनियाँ सुन पाते हैं और उनमें भेद कर सकते हैं।

डाइएनसिफेलॉन-

मस्तिष्क का यह भाग अत्यन्त महत्त्वपूर्ण कार्य कराता है। इसमें उपस्थित थेलेमस हमें दर्द, ठंडा-गर्म, चुभन, जलन आदि का अहसास कराता है। 

इसी भाग में उपस्थित हाइपोथेलेमस हमारी भूख, प्यास, घृणा, प्यार, ताप आदि पर नियंत्रण करता है। यही भाग वसा और कार्बोहाइड्रेट्स के उपापचय पर भी नियन्त्रण करता है।


अग्रमस्तिष्क के कार्य

(i) यह सभी संवेदी अंगों के संदेशों को प्राप्त करता है।

(ii) यह सभी पेशियों, ग्रंथियों, अंगों को उचित कार्यवाही का आदेश देता है।

(iii) यह उद्दीपनों और क्रियाओं के बीच संतुलन करता है।

(iv) यह पिछले अनुभव और स्मृतियों के आधार पर हमारे व्यवहार में परिवर्तन लाता है।

(v) यह सभी सूचनाओं और ज्ञान को प्राप्त करता है और उनका संग्रह कर लेता है।

(ii) मध्य मस्तिष्क (Mid Brain)- 

मध्य मस्तिष्क दो भागों में बंटा होता है-कारपोरा क्वार्डीजेमिना और सेरीब्रल पेडंकल। बारपोरा क्वार्डीजेमिना में चार ठोस पिंड होते हैं पर सेरीब्रल पेडंकल में अनेक तंतु होते हैं।

(iii) पश्च मस्तिष्क (Hind Brain)- 

इसे अनुमस्तिष्क भी कहते हैं। इसकी रचना करने वाले मेडला ऑब्लाँगेटा तथा सेरीबेलम हैं।

सेरीबेलम की रचना बहुत जटिल है। यह ठोस होता है। यह प्रमस्तिष्क के बिल्कुल नीचे होता है। यह गतियों का ठीक प्रकार से नियंत्रण करता है। हमारा चलना, दौड़ना, भागना, उठना, बैठना, नाचना आदि इसी के द्वारा नियन्त्रित होता है।

मस्तिष्क के पीछे के त्रिभुजाकार भाग को मेडूला ऑब्लाँगेटा कहते हैं। यह हृदय की धड़कन, श्वसन, पाचन आदि अनैच्छिक क्रियाओं को नियन्त्रित करता है।