चाणक्य नीति :चाणक्य के अनुसार इन सबका विनाश हो जाता है | Chankya Niti Ke Anusaar inka Vinash Ho Jata hai - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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बुधवार, 9 जून 2021

चाणक्य नीति :चाणक्य के अनुसार इन सबका विनाश हो जाता है | Chankya Niti Ke Anusaar inka Vinash Ho Jata hai

 

चाणक्य नीति : चाणक्य के अनुसार किनका विनाश हो जाता है

चाणक्य नीति :चाणक्य के अनुसार इन सबका विनाश हो जाता है | Chankya Niti Ke Anusaar inka Vinash Ho Jata hai



चाणक्य नीति संस्कृत दोहा 

नदीतीरे च ये वृक्षाः परगेहेषु कामिनी ।

मन्त्रिहीनाश्च राजानः शीघ्रं नश्यन्त्यसंशयम् ॥

 

शब्दार्थ- 

जो वृक्ष नदी के किनारे पर होते हैं, दूसरे के घर में जाने या रहने वाली स्त्री तथा मन्त्रियों से रहित राजा लोग अतिशीघ्र नष्ट हो जाते हैं-इस विषय में कोई संदेह नहीं है ।

 चाणक्य नीति इन जीवों का विनाश जल्द हो जाता है 

नदी के किनारे पर उगे हुए वृक्ष, दूसरे के घर में जाने अथवा रहने वाली स्त्री और मन्त्रियों से रहित राजा-ये सब निश्चय ही शीघ्र नष्ट हो जाते हैं। विमर्श-किसी का आश्रित होकर जीवन व्यतीत करने वाले प्राणी का जीवन शीघ्र ही विनाशमान हो जाता है।


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चाणक्य नीति के अनुसार मनुष्य का सबसे बड़ा मित्र कौन है ?

चाणक्य नीति के अनुसार ऐसे  मित्र का त्याग कर देना चाहिए 

चाणक्यनीति के अनुसार स्त्री, मित्र, नौकर से ऐसा व्यवहार करना चाहिए है.

आचार्य चाणक्य के अनुसार ऐसे स्थान पर नहीं जाना चाहिए.

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