Daily Current Affair in Hindi 1 March 2021 - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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सोमवार, 1 मार्च 2021

Daily Current Affair in Hindi 1 March 2021

 Daily Current Affair in Hindi 1 March 2021

Daily Current Affair in Hindi 1 March 2021



बीर चिलाराय कौन 

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 फरवरी, 2021 को 16वीं सदी के महान जनरल बीर चिलाराय को उनकी जयंती पर याद करते हुए कहा कि वे एक उत्कृष्ट योद्धा थे, जिन्होंने आम लोगों तथा अपने सिद्धांतों के लिये संघर्ष किया। 1515 ई. में महाराजा विश्व सिंह ने कोच राजवंश की स्थापना कर असम के इतिहास में एक स्वर्ण युग की शुरुआत की। पूर्णिमा के दिन जन्मे शुक्लाध्वज महाराजा विश्व सिंह के तीसरे पुत्र थे। अपने भाइयों के साथ ही उन्होंने भी युद्ध कला और सैन्य रणनीति के विशिष्ट गुण सीखे।
  • शुक्लाध्वज को चिलाराय की उपाधि प्राप्त हुई, क्योंकि उनके सैन्य हमलों को उनकी चीला (पतंग) जैसी गति के लिये जाना जाता था। उनके साहस और सैन्य कौशल ने उनके बड़े भाई, महाराजा नारा नारायण के साम्राज्य का विस्तार करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। महाराजा नारा नारायण की सेना का प्रधान सेनापति होने के नाते चिलाराय ने कोच राजवंश के विस्तार में अभूतपूर्व कार्य किया और युद्ध के मैदान में उनका सैन्य कौशल असम में जन-जन के बीच प्रसिद्ध हो गया। पश्चिमी भारत में एक अभियान के दौरान चेचक की बीमारी के कारण गंगा नदी के तट पर 1577 ई. में बीर चिलाराय की मृत्यु हो गई। वर्ष 2005 से असम सरकार द्वारा बीर चिलाराय की जयंती को सार्वजनिक अवकाश के रूप में मनाया जा रहा है। असम सरकार प्रत्येक वर्ष बहादुरी के लिये बीर चिलाराय पुरस्कार को राज्य के सर्वोच्च सम्मान के रूप में प्रदान करती है।

 

प्रोटीन दिवस कब मनाया जाता है 

  • प्रत्येक वर्ष 27 फरवरी को आयोजित किये जाने वाले प्रोटीन दिवस का उद्देश्य भारत में आम नागरिकों के बीच प्रोटीन जागरूकता और पर्याप्तता में बढ़ोतरी करना है। इस दिवस की शुरुआत वर्ष 2020 में राइट टू प्रोटीननामक सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियान द्वारा की गई थी। इस वर्ष की थीम है- पावरिंग विद प्लांट प्रोटीन।इस वर्ष की थीम का उद्देश्य पौधे-आधारित प्रोटीन के स्रोतों को रेखांकित करता है और भारतीय नागरिकों को प्रोटीन के विभिन्न स्रोतों के बारे में अधिक जानने और समझने के लिये प्रोत्साहित करना है। प्रोटीन एक महत्त्वपूर्ण पोषक तत्त्व है  जो शरीर को कोशिकाओं को विकसित करने और उनकी रिकवरी के लिये आवश्यक है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) की सिफारिश के मुताबिक, एक वयस्क को प्रतिदिन शरीर के वज़न के हिसाब से प्रति किलो लगभग एक ग्राम प्रोटीन का उपभोग करना चाहिये। राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (NSS) के हालिया आँकड़ों की मानें तो भारत में शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के बीच प्रति व्यक्ति प्रोटीन की खपत कम है।

 

शून्य भेदभाव दिवस कब मनाया जाता है 

  • कानून के समक्ष और आम लोगों के व्यवहार में समानता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष विश्व स्तर पर 01 मार्च को शून्य भेदभाव दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस आय, आयु, लिंग, स्वास्थ्य स्थिति, रंग, नस्ल, व्यवसाय, यौन अभिविन्यास, धर्म और जातीयता आदि आधारों पर किसी भी प्रकार के भेदभाव को जल्द-से-जल्द खत्म करने के लिये तत्काल कार्यवाही की आवश्यकता पर ज़ोर देता है। इस दिवस की शुरुआत वर्ष 2013 में विश्व एड्स दिवस के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र एड्स कार्यक्रम (UNAIDS) द्वारा की गई थी और इसे पहली बार 01 मार्च, 2014 को मनाया गया था। UNAIDS के अनुसार, कोरोना वायरस महामारी के साथ विश्व की कुल आबादी के 70 प्रतिशत से अधिक हिस्से को किसी-न-किसी रूप में असमानता और भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है। शून्य भेदभाव दिवस का लक्ष्य बेहतर  राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक नीतियों के माध्यम से लोगों के अधिकारों की रक्षा कर उनके सम्मान को बनाए रखना है।

 

लिगिया नोरोन्हा कौन हैं 

  • संयुक्त राष्ट्र (UN) प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने प्रमुख भारतीय अर्थशास्त्री लिगिया नोरोन्हा को सहायक महासचिव और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) के न्यूयॉर्क स्थित कार्यालय के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया है। लिगिया नोरोन्हा, भारतीय अर्थशास्त्री और पूर्व सहायक महासचिव सत्या त्रिपाठी का स्थान लेंगी। लिगिया नोरोन्हा भारतीय अर्थशास्त्री हैं, जिन्हें सतत् विकास के क्षेत्र में कुल 30 वर्षों का अंतर्राष्ट्रीय अनुभव है। इससे पूर्व लिगिया नोरोन्हा संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) के अर्थव्यवस्था प्रभाग की निदेशक के तौर पर कार्य कर रही थीं। UNEP में शामिल होने से पूर्व लिगिया नोरोन्हा ने नई दिल्ली में द एनर्जी एंड रिसोर्सेज़ इंस्टीट्यूट’ (TERI) में कार्यकारी निदेशक (अनुसंधान समन्वय) और संसाधन, विनियमन तथा वैश्विक सुरक्षा प्रभाग के निदेशक के रूप में भी कार्य किया है। वर्ष 1972 में स्थापित संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP), एक प्रमुख वैश्विक पर्यावरण प्राधिकरण है, जिसका प्राथमिक कार्य वैश्विक पर्यावरण एजेंडा निर्धारित करना, संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के भीतर सतत् विकास को बढ़ावा देना और वैश्विक पर्यावरण संरक्षण हेतु एक आधिकारिक अधिवक्ता के रूप में कार्य करना है।


नियंत्रण रेखा (Line of Control- LoC)युद्ध विराम

  • भारत और पाकिस्तान नियंत्रण रेखा (Line of Control- LoC) और अन्य सभी क्षेत्रों के संबंध में वर्ष 2003 के संघर्ष विराम समझौते का पालन करने के लिये सहमत हुए हैं। 
  • यह समझौता जम्मू और कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) तथा अन्य क्षेत्रों में क्रॉस फायर वायलेशन की 5000 से अधिक घटनाओं को ध्यान में रखते हुए किया गया है, वर्ष 2020 में ऐसे 46 प्राणघातक हमले हुए।
  • यह निर्णय दो डायरेक्टर जनरल्स ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस’ (DGsMO) के बीच वार्ता के बाद लिया गया।


क्या है  2003 का सीज़फायर समझौता:

  •  कारगिल युद्ध (1999) के चार वर्ष बाद नवंबर 2003 में मूल युद्ध विराम समझौता हुआ था।
  • वर्ष 2003 का युद्धविराम समझौता एक मील का पत्थर था क्योंकि इसने वर्ष 2006 तक नियंत्रण रेखा पर शांति कायम की। वर्ष 2003 और 2006 के बीच भारत और पाकिस्तान के जवानों द्वारा एक भी गोली नहीं चलाई गई थी।
  • लेकिन वर्ष 2006 के बाद से संघर्ष विराम के उल्लंघन की घटनाओं की आवृत्ति बढ़ी है।


बैक चैनल डिप्लोमेसी के माध्यम से वार्ता:

 

  • कई संकेतों से पता चलता है कि बैक चैनल डिप्लोमेसी के माध्यम से वार्ता को आगे बढ़ाया गया और इसने दोनों पक्षों के बीच संयुक्त बयान देने में सहायता की, इसकी शुरुआत फरवरी 2021 में पाकिस्तानी सेना प्रमुख द्वारा कश्मीर मुद्दे को "शांतिपूर्वक" हल करने के प्रस्ताव रखे जाने के साथ हुई।
  • पाकिस्तान ने कोविड -19 को नियंत्रित करने के लिये दक्षिण एशियाई स्तर पर सहयोग के लिये भारत के पाँच प्रस्तावों का समर्थन किया।
  • हाल ही में भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को श्रीलंका दौरे के लिये अपने हवाई क्षेत्र के उपयोग की अनुमति दी, जहाँ पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने श्रीलंका के लिये 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर की नई क्रेडिट लाइन की घोषणा की है।
  • हालाँकि बैक चैनल वार्ताओं के इन स्पष्ट संकेतों के दौरान दोनों पक्षों ने कश्मीर मुद्दे पर अपनी स्थितियों को बनाए रखा है।
  • नवंबर 2020 में पाकिस्तान सरकार द्वारा गिलगित बाल्टिस्तान को अनंतिम प्रांतीय दर्जा प्रदान किये जाने के बाद भारत ने गिलगित बाल्टिस्तान को भारत का एक अभिन्न अंग बताया था।


वर्ष 2003 के समझौते के संबंध में नवीनतम पुनः प्रतिबद्धता का महत्त्व:

 

  • यह समझौता कश्मीर में ज़मीनी स्तर पर सुरक्षा स्थिति के सुधार में योगदान दे सकता है।
  • भारत प्रायः यह आरोप लगाता रहा है कि पाकिस्तान द्वारा कई बार संघर्ष विराम के उल्लंघन का उद्देश्य आतंकवादियों को घुसपैठ कराने के लिये कवर प्रदान करना होता था। अब घुसपैठ की कोशिशें कम हो सकती हैं तथा सीमा पार आतंकवाद को रोकने संबंधी भारत की प्रमुख मांग पर भी कोई रास्ता निकाला जा सकता है।


भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया विकास के बिंदु:

 

  • दोनों पक्षों के संबंधों का चरम स्तर पिछली बार वर्ष 2015 में क्रिसमस के दिन देखा गया था, जब भारतीय प्रधानमंत्री एक अघोषित यात्रा के तहत पाकिस्तानी प्रधानमंत्री से मिलने लाहौर गए।
  • 2 जनवरी, 2016 को पठानकोट एयरबेस पर हमले के कारण दोनों पक्षों के बीच संवाद जल्द ही टूट गया, जिसके बाद उरी में एक चौकी पर हमला किया गया और भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक के साथ प्रतिक्रिया दी।
  • 14 फरवरी, 2019 के पुलवामा आतंकी हमले और भारत द्वारा बालाकोट ऑपरेशन के कारण द्विपक्षीय संबंधों में लगातार गिरावट आती रही।


नियंत्रण रेखा ( Line of Control) के बारे में 

  • संयुक्त राष्ट्र द्वारा कश्मीर युद्ध के बाद घोषित वर्ष 1948 की संघर्ष विराम रेखा ही बाद में नियंत्रण रेखा के रूप में सामने आई।
  • दोनों देशों के बीच वर्ष 1972 के शिमला समझौते के बाद इसे LoC के रूप में नामित किया गया।
  • LoC का सीमांकन दुनिया के सबसे ऊँचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर (प्वाइंट NJ9842) तक किया गया है।
  • LoC को दोनों सेनाओं के सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO) द्वारा हस्ताक्षरित एक नक्शे पर चित्रित किया गया है और यह एक अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त कानूनी समझौता है।


बैक चैनल डिप्लोमेसी:

  • बैक चैनल डिप्लोमेसीआधिकारिक नौकरशाही संरचनाओं और प्रारूपों के बाहर अंतर्राष्ट्रीय विवादों को सुलझाने तथा विदेश नीति के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिये राज्यों द्वारा प्रयोग में लाई जाने वाली राजनयिक रणनीतियों में से एक है।
  • इसका एक अन्य उदेश्य सूचना की गोपनीयता सुनिश्चित करने और उन्हें लक्ष्य प्राप्त करने तक आधिकारिक स्रोतों और मीडिया की पहुँच से दूर रखना है।


समलैंगिक विवाह और भारत 

हाल ही में केंद्र सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय में समलैंगिक विवाह (Same Sex Marriage) का विरोध करते हुए कहा कि भारत में विवाह को तभी मान्यता दी जा सकती है जब बच्चा पैदा करने में सक्षम "जैविक पुरुष" और "जैविक महिला" के बीच विवाह हुआ हो।

 

समलैंगिक विवाह का भारत में इतिहास 

 

समलैंगिक विवाह को मान्यता देने के लिये वर्ष 2020 में हिंदू विवाह अधिनियम (Hindu Marriage Act), 1955 और विशेष विवाह अधिनियम (Special Marriage Act), 1954 के तहत याचिकाएँ दायर की गई थीं।

केंद्र की प्रतिक्रिया/तर्क:

 सर्वोच्च न्यायालय का आदेश:

सर्वोच्च न्यायालय ने भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code- IPC) की धारा 377 के प्रावधान के विश्लेषण के बाद केवल एक विशेष मानवीय व्यवहार को अपराध की श्रेणी से बाहर करने का आदेश दिया था। यह आदेश न तो समलैंगिक विवाह के उद्देश्य से और न ही इस आचरण को वैध बनाने के लिये दिया गया था।


सामाजिक नैतिकता:

विपरीत लिंग के व्यक्तियों के विवाह की मान्यता को सीमित करने में "वैध राज्य हित" (Legitimate State Interest) मौजूद है और यह विधानमंडल का काम है कि वह "सामाजिक नैतिकता" (Societal Morality) को ध्यान में रखते हुए ऐसे विवाह की वैधता पर विचार करे।


मौजूदा कानूनों के अनुरूप नहीं:

मौलिक अधिकार (fundamental Right) अनुच्छेद 21 के अंतर्गत कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अधीन है और इसे समलैंगिक विवाह को मौलिक अधिकार बनाने के लिये विस्तारित नहीं किया जा सकता है।


संविधान का अनुच्छेद 21 जीवन के अधिकार की गारंटी देता है। यह अधिकार जो कि काफी हद तक निष्पक्ष, न्यायोचित और तर्कसंगत है, एक कानून के माध्यम से दूर नहीं किया जा सकता है।

देश में मौजूदा विवाह कानूनों में किसी भी तरह का हस्तक्षेप व्यक्तिगत कानूनों के बीच मौजूद नाज़ुक संतुलन को पूरी तरह से नष्ट कर देगा।

विवाह की पवित्रता और समलेंगिक विवाह 

भारतीय परिवार की अवधारणा एक पति, एक पत्नी और बच्चे पर आधारित है, जिसकी तुलना समलैंगिक परिवार के साथ नहीं की जा सकती है।


भारत में समलैंगिक विवाह की वैधता:

 

विवाह के अधिकार को भारतीय संविधान के अंतर्गत मौलिक या संवैधानिक अधिकार के रूप में स्पष्ट रूप से मान्यता प्राप्त नहीं है।

यद्यपि विवाह को विभिन्न वैधानिक अधिनियमों के माध्यम से विनियमित किया जाता है लेकिन मौलिक अधिकार के रूप में इसकी मान्यता केवल भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायिक निर्णयों के माध्यम से विकसित हुई है।

संविधान के अनुच्छेद 141 के अंतर्गत उच्चतम न्यायालय का निर्णय पूरे भारत में सभी अदालतों के लिये बाध्यकारी है।


सर्वोच्च न्यायालय के महत्त्वपूर्ण निर्णय:

 

मौलिक अधिकार के रूप में विवाह (शफीन जहान बनाम असोकन के.एम. और अन्य, 2018):

सर्वोच्च न्यायालय ने मानव अधिकार की सार्वभौमिक घोषणा (UDHR) और पुट्टस्वामी मामले में अनुच्छेद 16 का उल्लेख करते हुए कहा कि किसी व्यक्ति को अपनी पसंद के अनुसार शादी करने का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 का अभिन्न अंग है।

अनुच्छेद 16 (2): कोई भेदभाव केवल धर्म, जाति, जाति, लिंग, वंश, जन्म स्थान, निवास या उनमें से किसी के आधार पर नहीं किया जा सकता है।

विवाह करने का अधिकार आंतरिक विषय है। इस अधिकार को संविधान में मौलिक अधिकारों के अंतर्गत सुरक्षा प्रदान की गई है। विश्वास और निष्ठा के मामले, जिसमें विश्वास करना भी शामिल है, संवैधानिक स्वतंत्रता के मूल में हैं।

 LGBTQ समुदाय सभी संवैधानिक अधिकारों (नवजेत सिंह जोहर और अन्य बनाम केंद्र सरकार, 2018) के हकदार हैं।

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि LGBTQ समुदाय के सदस्य अन्य नागरिकों की तरह संविधान द्वारा प्रदान किये गए सभी संवैधानिक अधिकारों के हकदार हैं, जिसमें समान नागरिकताऔर "कानून का समान संरक्षण" भी शामिल है।

प्रवासी पक्षी और चिलिका झील

ओडिशा में (चिल्का झील के निकट) तापमान बढ़ने के कारण चिलिका झील और भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान के आसपास से प्रवासी पक्षियों ने अन्य वर्षों की तुलना में पहले  (फरवरी में) ही इन स्थानों को छोड़ना शुरू कर दिया है।

 

इन क्षेत्रों में प्रवासी पक्षियों का आगमन सामान्यतः नवंबर माह में शुरू होता है और मार्च के मध्य या अप्रैल की शुरुआत में ये पक्षी तब वापस जाते हैं जब तापमान लगभग 39 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाता है।


प्रवासी प्रजातियाँ: 

हर वर्ष सर्दी के मौसम में प्रवासी पक्षी एशिया के सबसे बड़े खारे पानी के लैगून चिल्का झील तथा भितरकनिका और भारत के दूसरे सबसे बड़े मैंग्रोव जंगल ( सुंदरबन, पश्चिम बंगाल) में आते हैं।

पक्षियों की ये प्रजातियाँ साइबेरिया, अफगानिस्तान, ईरान, इराक, हिमालयी क्षेत्र और मध्य यूरोप से उड़ान भरकर भारत आते हैं।


समय-पूर्व प्रस्थान का कारण:

क्षेत्र का गर्म होना: वर्ष 2015 से वर्ष 2019 के दौरान फरवरी महीने में भुवनेश्वर (चिल्का झील से 35 किलोमीटर की दूरी पर) का औसत तापमान 34-35 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।

घटता जल स्तर: बढ़ रहे तापमान के साथ झील के जल स्तर में गिरावट के कारण भी पक्षियों द्वारा समय-पूर्व प्रस्थान किया गया है।

चिल्का झील के बारे में जानकारी 

  • चिल्का एशिया का सबसे बड़ा और विश्व का दूसरा सबसे बड़ा लैगून है।
  • शीतकाल के दौरान भारतीय उपमहाद्वीप में प्रवासी पक्षियों को आकर्षित करने वाला सबसे बड़ा मैदान होने के साथ ही यह पौधों और जानवरों की कई संकटग्रस्त प्रजातियों का निवास स्थान है।
  • वर्ष 1981 में चिल्का झील को रामसर कन्वेंशन के तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व का पहला भारतीय आर्द्रभूमि नामित किया गया था।
  • चिल्का में प्रमुख आकर्षण इरावदी डॉलफिन (Irrawaddy Dolphins) हैं जिन्हें अक्सर सतपाड़ा द्वीप के पास देखा जाता है।
  • लैगून क्षेत्र में लगभग 16 वर्ग किमी. में फैला नलबाना द्वीप (फारेस्ट ऑफ रीडस) को वर्ष 1987 में पक्षी अभयारण्य घोषित किया गया था।

कालिजई मंदिर- यह मंदिर चिल्का झील में एक द्वीप पर स्थित है।


भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान के बारे में जानकारी 

  • भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान ओडिशा के समृद्ध जैव विविधता स्थलों में से एक है जो  अपने मैंग्रोव, प्रवासी पक्षियों, कछुओं, एस्टुरीन मगरमच्छों और अनगिनत लताओं के लिये प्रसिद्ध है।
  • भितरकनिका में 3 संरक्षित क्षेत्र शामिल हैं जिनमें भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान (Bhitarkanika National Park), भितरकनिका वन्यजीव अभयारण्य (Bhitarkanika Wildlife Sanctuary) और गहिरमाथा समुद्री अभयारण्य (Gahirmatha Marine Sanctuary) शामिल हैं।
  • भितरकनिका ब्राह्मणी, बैतरणी, धामरा तथा महानदी नदी प्रणालियों के मुहाने पर स्थित है।
  • यह देश के 70% एस्टुरीन या खारे पानी के मगरमच्छों का निवास स्थान है जिसके संरक्षण का कार्य वर्ष 1975 में शुरू किया गया था।


भारत में प्रवासी प्रजातियाँ:

  • भारत कई प्रवासी जानवरों और पक्षियों का अस्थायी निवास स्थान है।
  • इनमें से अमूर फाल्कन्स (Amur Falcons), बार-हेडेड गीज़ (Bar-Headed Geese), ब्लैक-नेक्ड क्रेन (Black-Necked Cranes), मरीन टर्टल (Marine Turtles), डूगोंग (Dugongs), हंपबैक व्हेल (Humpback Whales) आदि शामिल हैं।
  • भारतीय उपमहाद्वीप प्रमुख पक्षी फ्लाईवे नेटवर्क का भी हिस्सा है, अर्थात मध्य एशियाई फ्लाईवे (Central Asian Flyway- CAF) आर्कटिक और भारतीय महासागरों के मध्य के क्षेत्रों को कवर करता है।
  • भारत ने मध्य एशियाई फ्लाईवे (Central Asian Flyway) के तहत प्रवासी प्रजातियों के संरक्षण हेतु राष्ट्रीय कार्य योजना (National Action Plan) भी शुरू की है क्योंकि भारत प्रवासी प्रजातियों के संरक्षण पर अभिसमय’ (Convention on Migratory Species-CMS) का एक पक्षकार है।

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